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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: EOW ने रिटायर्ड IAS निरंजन दास को किया गिरफ्तार, पिछली कांग्रेस सरकार में थे आबकारी आयुक्त

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, EOW ने रिटायर्ड IAS निरंजन दास को किया गिरफ्तार, पिछली कांग्रेस सरकार में थे आबकारी आयुक्त

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Harsh Verma
Chhattisgarh Liquor Scam

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के चर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) में आर्थिक अपराध विंग (EOW) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी निरंजन दास (Retired IAS Niranjan Das) को गिरफ्तार कर लिया है।

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दास कांग्रेस सरकार (Congress Government) में आबकारी आयुक्त (Excise Commissioner) के तौर पर काम कर चुके हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि उन्होंने शराब सिंडिकेट (Liquor Syndicate) चलाने में अहम भूमिका निभाई।

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सिंडिकेट का खेल और करोड़ों का नुकसान

जांच में सामने आया है कि निरंजन दास ने पूर्व IAS अनिल टुटेजा (Anil Tuteja), अरुणपति त्रिपाठी (Arunpati Tripathi), कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) और अन्य लोगों के साथ मिलकर राज्य में शराब सिंडिकेट बनाया।

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इस सिंडिकेट ने सरकारी शराब दुकानों (Government Liquor Shops) में कमीशन तय करने, डिस्टिलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाने, विदेशी ब्रांड (Foreign Brands) की अवैध सप्लाई करने और डुप्लीकेट होलोग्राम (Duplicate Hologram) लगाकर शराब बेचने का काम किया। इस खेल से राज्य के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।

डुप्लीकेट होलोग्राम का घोटाला

चार्जशीट के मुताबिक नोएडा की प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स (Prizm Holography Security Films) कंपनी को टेंडर देने में भी दास की अहम भूमिका रही। यह कंपनी अयोग्य थी, लेकिन टुटेजा और त्रिपाठी के साथ मिलीभगत कर टेंडर की शर्तें बदल दी गईं। इसी के जरिए डुप्लीकेट होलोग्राम बनाए गए और हर स्टिकर पर आठ पैसे कमीशन वसूला गया। इस घोटाले से करीब 1200 करोड़ का नुकसान हुआ।

झारखंड कनेक्शन

जांच एजेंसियों ने खुलासा किया कि निरंजन दास ने सिंडिकेट के साथ मिलकर झारखंड (Jharkhand) की आबकारी नीति में भी बदलाव की साजिश रची। जनवरी 2022 में ढेबर और त्रिपाठी के साथ मिलकर झारखंड अधिकारियों से मीटिंग की गई। वहां छत्तीसगढ़ मॉडल लागू कर करोड़ों का अवैध मुनाफा कमाया गया।

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जांच एजेंसियों की कार्रवाई

  • प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जुलाई 2023 में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) केस दर्ज किया और 205 करोड़ की संपत्ति जब्त की। अगस्त 2025 की चार्जशीट में 248 करोड़ के अवैध मुनाफे का जिक्र है।
  • छत्तीसगढ़ ACB/EOW ने जनवरी 2024 में FIR दर्ज कर 5000 पन्नों का चालान पेश किया। इसमें 29 अधिकारियों की भूमिका बताई गई।
  • उत्तर प्रदेश STF ने नोएडा में केस दर्ज कर कंपनी मालिक विधु गुप्ता (Vidhu Gupta) को गिरफ्तार किया।
  • झारखंड ACB ने 2024 में FIR दर्ज की और 2025 में दो IAS अधिकारियों को गिरफ्तार किया।

अब होगी कड़ी पूछताछ

निरंजन दास को अब रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। माना जा रहा है कि इसमें कई और बड़े खुलासे होंगे। दास ने पहले कई बार अग्रिम जमानत की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे। उनकी गिरफ्तारी से इस घोटाले में नई कड़ी खुलने की उम्मीद है।

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