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Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। आरोप है कि घोटाले की रकम कार्टून (Cartons) में भरकर सीधे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन (Rajiv Bhawan) पहुंचाई जाती थी।
अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) का मैनेजर दीपेन चावड़ा (Dipen Chawda) एक बार में 10 कार्टून कार से लेकर जाता था। हर कार्टून में 1 करोड़ रुपए होते थे। यानी एक बार में 10 करोड़ रुपए की डिलीवरी होती थी। इस तरह हर महीने करीब 40 कार्टून में 40 करोड़ रुपए पहुंचाए जाते थे।
जांच में खुलासा हुआ है कि पिछले तीन साल में करीब 960 करोड़ रुपए इस तरह कांग्रेस कार्यालय में दिए गए। यह रकम पार्टी फंड (Party Fund) के नाम पर छोड़ी जाती थी और कार्यालय के कर्मचारी देवेंद्र डड़सेना (Devendra Dadsena) इसे संभालते थे।
कारोबारियों और तांत्रिक तक पहुंचे करोड़ों
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तांत्रिक केके श्रीवास्तव[/caption]
ईडी की जांच में सामने आया कि शराब घोटाले से कमाए गए 1000 करोड़ रुपए कारोबारी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू और चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) तक पहुंचे। दोनों ने इस रकम को अलग-अलग चैनलों से इधर-उधर किया।
खुलासा हुआ है कि तांत्रिक केके श्रीवास्तव (KK Shrivastava) को भी चैतन्य बघेल के जरिए 90 करोड़ रुपए दिए गए। रकम कार्टून में भरकर उनके पास भेजी जाती थी। इसके अलावा कुम्हारी (Kumhari) स्थित चैतन्य की कंपनी बघेल बिल्डकॉन (Baghel Buildcon) "विट्ठल ग्रीन सिटी" (Vitthal Green City) नाम की 18 करोड़ की परियोजना विकसित कर रही है।
बिग-बॉस ग्रुप और अफसरों पर गालियां
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पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रही सौम्या चौरसिया[/caption]
ईडी ने बताया कि घोटाले से जुड़े लोगों ने “बिग-बॉस” (Big-Boss) नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इसमें चैतन्य बघेल, दीपेन चावड़ा, पुष्पक और सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) जैसे नाम शामिल थे।
इस ग्रुप में शराब घोटाले से जुड़े लेन-देन और पैसों की डीलिंग होती थी। पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रही सौम्या चौरसिया कथित तौर पर आईएएस (IAS) अफसरों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करती थी और उन्हें गालियां भी देती थी।
सुनियोजित तरीके से हुआ था घोटाला
ईडी का दावा है कि यह पूरा घोटाला सुनियोजित था। इसमें सरकार, संगठन, अधिकारी और कारोबारी सबकी मिलीभगत थी। जो भी सिंडिकेट का हिस्सा बना, उसे हिस्सेदारी दी गई। अब तक 23 लोगों के खिलाफ जांच पूरी हो चुकी है, जिनमें से 21 गिरफ्तार हो चुके हैं और 2 की मौत हो गई है।
जांच में यह भी सामने आया है कि घोटाले से सबसे ज्यादा कमाई पार्ट-बी (Part-B) से हुई। इसमें 2174 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई। जबकि पार्ट-ए (Part-A) से 319 करोड़ और पार्ट-सी (Part-C) से 70 करोड़ रुपए मिले। ईडी का कहना है कि यह रकम और बढ़ सकती है क्योंकि घोटाले के दौरान 60 करोड़ 50 लाख पेटियां अवैध शराब बेची गई थीं।
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