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Chaitanya Baghel Custody: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) में आरोपी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को मंगलवार को विशेष अदालत ने ED की कस्टडी में भेज दिया।
अदालत ने ईडी की अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें 23 अगस्त तक कस्टोडियल रिमांड पर सौंपने का आदेश दिया। अब ईडी उन्हें आमने-सामने पूछताछ कर सकती है।
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जन्मदिन पर हुई गिरफ्तारी
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ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को किया था गिरफ्तार[/caption]
ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को, उनके जन्मदिन पर, भिलाई स्थित घर से धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत गिरफ्तार किया था। जांच भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB/EOW) रायपुर द्वारा दर्ज FIR के आधार पर शुरू हुई थी।
ईडी का दावा है कि इस घोटाले से प्रदेश को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और करीब 2,500 करोड़ रुपये की अवैध कमाई (POC) हुई, जो घोटाले से जुड़े लोगों तक पहुंचाई गई।
करोड़ों रुपये का लेन-देन
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चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये नकद मिलने का आरोप[/caption]
ईडी की जांच में सामने आया है कि चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये नकद मिले। उन्होंने यह रकम अपनी रियल एस्टेट (Real Estate) कंपनियों में मिलाई और ठेकेदारों को नकद भुगतान किया। साथ ही बैंकिंग लेन-देन के जरिए भी पैसा खपाया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों (Trilok Singh Dhillon) के सहयोग से चैतन्य ने अपने विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट (Vitthalpuram Project) में कर्मचारियों के नाम पर फ्लैट खरीद का खेल रचा, जिससे अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का संचालन
ईडी ने दावा किया कि चैतन्य ने 1000 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध संपत्ति का संचालन किया और कांग्रेस कोषाध्यक्ष (Congress Treasurer) समेत कई नेताओं तक यह रकम पहुंचाई।
पहले से गिरफ्त में बड़े चेहरे
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मामले में पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा भी जेल में हैं बंद[/caption]
इस मामले में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा (Anil Tuteja), अरविंद सिंह (Arvind Singh), त्रिलोक सिंह ढिल्लों, अनवर ढेबर (Anwar Dhebar), आईटीएस अरुण पति त्रिपाठी (Arun Pati Tripathi) और पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कार्रवाई
चैतन्य ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने ईडी को नोटिस जारी कर 26 अगस्त तक जवाब मांगा है।
जेल की स्थिति पर नाराजगी
चैतन्य के वकील ने अदालत को बताया कि जेल में उन्हें साफ पीने का पानी तक नहीं मिल रहा। इस पर अदालत ने जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश दिए। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
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