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Chaitanya Baghel: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में चल रहे शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में बड़ा मोड़ आ गया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) के बेटे चैतन्य बघेल (Chaitanya Baghel) को ईडी की विशेष अदालत (ED Special Court) से राहत नहीं मिल सकी। कोर्ट ने सोमवार को उनकी जमानत याचिका (Bail Plea) को खारिज कर दिया है। अब चैतन्य को न्यायिक रिमांड (Judicial Custody) में ही रहना होगा।
जमानत पर शुक्रवार को हुई थी सुनवाई
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सूत्रों के मुताबिक, चैतन्य बघेल की जमानत अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई थी, जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज अदालत ने आदेश जारी करते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले, एसीबी-ईओडब्ल्यू (ACB-EOW) ने 15 अक्टूबर को उनकी रिमांड खत्म होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी कराई थी, जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
ईडी ने जन्मदिन पर किया था गिरफ्तार
ईडी (ED) ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई (Bhilai) स्थित निवास से गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी। यह मामला एसीबी/ईओडब्ल्यू रायपुर (Raipur) द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू किया गया था, जिसमें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) और आईपीसी (IPC) की धाराएं शामिल थीं।
ईडी की जांच में सामने आया 16.70 करोड़ रुपये का लेनदेन
ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले से 16.70 करोड़ रुपये मिले, जिन्हें उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों (Real Estate Firms) के जरिए निवेश किया। जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने ठेकेदारों को नकद भुगतान (Cash Payments) और बैंकिंग ट्रेल (Banking Trail) के जरिए रकम के लेनदेन किए।
ईडी ने यह भी दावा किया कि चैतन्य ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों (Trilok Singh Dhillon) के साथ मिलकर एक योजना तैयार की थी, जिसमें कर्मचारियों के नाम पर “विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट” (Vitthalpuram Project) में फ्लैट खरीदे गए और अप्रत्यक्ष रूप से 5 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई।
शराब घोटाले में कई बड़े नाम पहले से गिरफ्त में
इस मामले में ईडी पहले ही कई बड़े अफसरों और नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें पूर्व आईएएस (IAS) अधिकारी अनिल टुटेजा (Anil Tuteja), अरविंद सिंह (Arvind Singh), व्यापारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों (Trilok Singh Dhillon), पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक कवासी लखमा (Kawasi Lakhma), आईटीएस अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी (Arun Pati Tripathi) और कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) शामिल हैं।
मामले में जारी है आगे की जांच
ईडी की जांच टीम इस घोटाले के वित्तीय लेनदेन (Financial Transactions) और राजनीतिक कनेक्शन की गहराई से पड़ताल कर रही है। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को करीब 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। फिलहाल, चैतन्य बघेल न्यायिक हिरासत में हैं और 29 अक्टूबर तक जेल में रहेंगे।
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