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Bhupesh Baghel Supreme Court Bail Petition
Bhupesh Baghel Supreme Court Petition: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 अगस्त को सुनवाई करेगा। यह याचिका प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शराब घोटाले (Liquor Scam) में की गई कार्रवाई और PMLA (Prevention of Money Laundering Act, 2002) की धारा 44, 50 और 63 को चुनौती देती है।
कपिल सिब्बल ने रखा पक्ष
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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल[/caption]
बघेल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने पक्ष रखा और कहा कि सुनवाई में देरी से तय समयसीमा में निर्णय लेना मुश्किल हो सकता है। सिब्बल ने धारा 44A को बेहद अहम बताते हुए उस पर भी तत्काल सुनवाई की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने तय की तीन चरणों की प्रक्रिया
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) की अगुआई वाली बेंच ने कहा कि पहले प्राथमिक आपत्तियों पर चर्चा होगी, फिर जवाब सुना जाएगा और अंत में मामले के गुण-दोष पर बहस होगी।
नॉन-बेलेबल वारंट वाले खुले घूम रहे- भूपेश बघेल
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भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर सादा निशाना[/caption]
भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन लोगों पर पहले से नॉन-बेलेबल वारंट (NBW) हैं, वे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि उन्हीं के बयानों के आधार पर उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि ईडी पुराने मामलों को बिना कोर्ट की अनुमति दोबारा खोल रही है, जो कानून की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि PMLA की धारा 50 के तहत आरोपी से ही गवाही ली जा रही है, जो न्याय की मूल अवधारणा के विरुद्ध है।
क्या है पूरा मामला?
ईडी के मुताबिक 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ रुपये का शराब घोटाला हुआ। इसमें चैतन्य बघेल को मास्टरमाइंड बताया गया है। ईडी का दावा है कि इस रकम का एक हिस्सा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाया गया।
कौन-कौन हैं आरोपी?
इस केस में पूर्व मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma), कारोबारी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar), पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा (Anil Tuteja), और अरुणपति त्रिपाठी (Arunpati Tripathi) को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और याचिका
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ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया[/caption]
ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया और फिर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इसके बाद चैतन्य ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी से संरक्षण की मांग की, लेकिन कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट जाने की सलाह दी। अब उन्होंने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
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