Advertisment

CG News: खैरागढ़ में 17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला सोरी ने किया सरेंडर, 14 साल बाद हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटी

CG Naxalite Surrender: खैरागढ़ में 17 लाख की इनामी महिला नक्सली कमला सोरी ने किया सरेंडर, 14 साल बाद हिंसा छोड़ मुख्यधारा में लौटी

author-image
Harsh Verma
CG Naxalite Surrender

CG Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में पुलिस को आज बड़ी कामयाबी मिली है। लंबे समय से फरार चल रही 17 लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली कमला सोरी (Kamla Sori) ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।

Advertisment

वह वर्ष 2011 से प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (CPI-Maoist) से जुड़ी थी और माड़ डिवीजन, एमएमसी जोन (MMC Zone) यानी मध्य प्रदेश–महाराष्ट्र–छत्तीसगढ़ के इलाके में सक्रिय थी।

कमला सोरी का आत्मसमर्पण राज्य शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 (Surrender and Rehabilitation Policy 2025) के तहत हुआ है। पुलिस के अनुसार यह नक्सल उन्मूलन अभियान के लिए बड़ी सफलता है।

बस्तर से खैरागढ़ तक नक्सल सफर

कमला सोरी उर्फ उंगी उर्फ तरूणा (आयु 30 वर्ष) मूल रूप से ग्राम अरलमपल्ली, थाना दोरनापाल, जिला सुकमा (Sukma District) की निवासी है। उसने अपने संगठन के साथ मिलकर बस्तर, महाराष्ट्र के गोंदिया और मध्य प्रदेश की सीमाओं पर कई हिंसक वारदातों (violent incidents) को अंजाम दिया।

Advertisment

वह एमएमसी जोन प्रभारी रामदर (Ramdar) की टीम की प्रमुख सदस्य के रूप में काम करती थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, तीनों राज्यों की पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर कुल 17 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था, जिसमें छत्तीसगढ़ से 10 लाख, महाराष्ट्र से 5 लाख और मध्य प्रदेश से 2 लाख रुपए का इनाम था।

शासन की नीति से प्रभावित होकर लौटाई बंदूक

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि हाल के वर्षों में शासन की विकासोन्मुखी नीतियों (development-oriented policies), सड़कों के निर्माण, मोबाइल टावरों की स्थापना और सिविक एक्शन कार्यक्रमों (Civic Action Programs) की वजह से नक्सल प्रभावित इलाकों में भरोसे का माहौल बना है।

इसी माहौल और सुरक्षा बलों के संवाद एवं जनसंपर्क (public outreach) से प्रभावित होकर कमला ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण के बाद उसे शासन की नीति के तहत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि (incentive amount) तत्काल दी गई है। साथ ही पुनर्वास नीति के तहत रोजगार और पुनर्वास की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

Advertisment

एसपी बोले- कमला का कदम बनेगा उदाहरण

जिले के पुलिस अधीक्षक (Superintendent of Police) ने कहा कि यह आत्मसमर्पण शासन की सही नीतियों और सुरक्षा बलों के प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कमला सोरी का यह निर्णय जंगलों में रह रहे अन्य नक्सलियों के लिए भी प्रेरणास्रोत साबित होगा।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद पर लगातार गिरावट

पिछले दो वर्षों में छत्तीसगढ़ पुलिस ने 200 से अधिक नक्सलियों को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया है। नक्सल प्रभावित जिलों में अब विकास कार्यों और शिक्षा-संचार सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के आत्मसमर्पणों से नक्सल संगठन की जमीनी पकड़ लगातार कमजोर पड़ रही है।

यह भी पढ़ें: बिलासपुर रेल हादसे की कई स्तरों पर जांच शुरू: CRS कर रहे जांच, मृत चालक पर भी दर्ज हुआ जुर्म, 19 रेलवे अफसर तलब

Advertisment
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें