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Kawardha Gangrape Case: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कवर्धा (Kawardha) जिले में आदिवासी युवती (Tribal Girl) से सामूहिक दुष्कर्म (Gangrape) की वारदात ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। घटना 24 सितंबर की रात की है, जब पीड़िता अपने परिचित के घर से विवाद के बाद बाहर निकली और बस स्टैंड की ओर जा रही थी। इसी दौरान बाइक सवार तीन युवकों ने उसे बहला-फुसलाकर सुनसान इलाके में ले जाकर गैंगरेप किया।
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवाई (SP Dharmendra Singh Chhavai) ने बताया कि तीनों आरोपी नशे में धुत थे और सिलोशन ट्यूब का सेवन कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद पीड़िता को धमकाते हुए बस स्टैंड के पास छोड़ दिया गया।
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गिरफ्तारी और पुलिस का खुलासा
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पुलिस ने 36 घंटों के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।[/caption]
बढ़ते जनाक्रोश और समाज के दबाव के बीच कवर्धा पुलिस ने 36 घंटों के भीतर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों को मौके पर ले जाकर सीन रीक्रिएट कराया और शहर में जुलूस निकालकर आम जनता को दिखाया। गिरफ्तार आरोपियों में जितेन्द्र खरे उर्फ जित्तु (Jitendra Khare), नसीम अहमद उर्फ छोटू (Naseem Ahmed) और मोहम्मद सरफराज उर्फ सफ्फु (Mohammad Sarfaraj) शामिल हैं।
एसपी ने साफ किया कि तीनों आरोपी आदतन अपराधी हैं, जिन पर पहले से भी आपराधिक रिकॉर्ड दर्ज है।
आदिवासी समाज का आक्रोश
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घटना के बाद आदिवासी समाज (Tribal Community) सड़क पर उतर आया और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए फांसी की सजा की मांग की। उनका कहना है कि जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलेगी, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो पाएगी।
मुस्लिम समाज ने भी जताई नाराजगी

इस मामले में शामिल दो आरोपी मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) से थे। घटना के बाद मुस्लिम समाज ने भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने साफ किया कि अपराध का कोई धर्म नहीं होता और मुस्लिम समाज इस घिनौनी वारदात की कड़ी निंदा करता है।
आदिवासी और मुस्लिम समाज दोनों ने मिलकर स्पष्ट किया कि आरोपियों को कठोरतम सजा मिलनी चाहिए। स्थानीय लोगों का कहना है कि त्वरित न्याय से ही समाज में कानून का भय पैदा होगा और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
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