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CG Karwa Chauth Moon Timing: देशभर की तरह छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी 10 अक्टूबर 2025 को करवा चौथ (Karwa Chauth 2025) का त्योहार धूमधाम से मनाया जाएगा। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए सबसे खास माना जाता है।
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करते हुए निर्जला व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं सुबह से ही बिना कुछ खाए-पिए दिन भर व्रत रखती हैं और चांद निकलने के बाद ही जल ग्रहण करती हैं।
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चांद के निकलने का समय सबसे अहम
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करवा चौथ की रात का सबसे अहम पल होता है चंद्रोदय। महिलाएं छलनी से चांद (Moon) के दर्शन कर उसके बाद पति का चेहरा देखती हैं और फिर व्रत खोलती हैं। 2025 में छत्तीसगढ़ में चांद रात 08 बजकर 14 मिनट पर निकलेगा। हालांकि, राज्य के अलग-अलग शहरों में समय में कुछ मिनटों का फर्क देखने को मिलेगा।
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अंबिकापुर और बस्तर में चांद का समय
राजधानी रायपुर (Raipur) और बिलासपुर (Bilaspur) में महिलाएं रात 07:43 बजे चांद के दर्शन कर सकेंगी। दुर्ग (Durg) में चांद का समय 08:15 बजे, अंबिकापुर (Ambikapur) और सरगुजा (Surguja) में 08:03 बजे, जबकि बस्तर (Bastar) में 08:17 मिनट पर चांद नजर आएगा।
इन शहरों के अलग-अलग समय को देखकर महिलाएं अपने पूजा-सामान और करवा माता (Karwa Mata) की थाली तैयार रख सकती हैं, ताकि चांद दिखते ही पूजा-अर्चना पूरी कर सकें।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त और पूजा का समय
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करवा चौथ के दिन शाम को महिलाएं करवा माता की पूजा (Karwa Mata Puja) करती हैं और कथा (Karwa Chauth Katha) सुनती हैं। 2025 में पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:57 मिनट से 07:07 मिनट तक रहेगा।
इस दौरान महिलाएं लगभग 1 घंटा 9 मिनट तक पूजा कर सकती हैं। मान्यता है कि इस शुभ समय में पूजा करने से व्रत सफल होता है और दांपत्य जीवन में सौभाग्य बढ़ता है।
सोलह श्रृंगार और पारंपरिक रिवाज
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करवा चौथ की शाम महिलाओं के लिए सजने-संवरने का भी अवसर होती है। वे सोलह श्रृंगार (Solah Shringar) करती हैं, मेहंदी लगाती हैं और पारंपरिक पोशाक पहनती हैं।
हाथ में करवा (Earthen Pot) लेकर चांद के दर्शन करती हैं और पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत संपन्न करती हैं। यह त्योहार न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि प्रेम और समर्पण का प्रतीक भी माना जाता है।
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