Advertisment

जशपुर में सुसडेगा परियोजना की सुरक्षा निधि में अनियमितता: कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक निलंबित, विभागीय जांच शुरू

Jashpur Engineer Suspended: जशपुर में सुसडेगा परियोजना की सुरक्षा निधि में अनियमितता, कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक निलंबित, विभागीय जांच शुरू

author-image
Harsh Verma
CG Bilaspur Headmaster Suspended

CG Bilaspur Headmaster Suspended

Jashpur Engineer Suspended: जशपुर (Jashpur) जिले की बहुचर्चित सुसडेगा व्यपवर्तन योजना (Susdega Diversion Project) में गंभीर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है। जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) ने तत्कालीन कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक (Vijay Jamnik) को वित्तीय अनियमितता और शासकीय निधि की सुरक्षा में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: CG State GST Action Update: 20 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा, दस्तावेज खंगालने में जुटी टीम, हिरासत में एक आरोपी

समय से पहले वापस की गई 2.93 करोड़ की सुरक्षा निधि

विभागीय जांच में पाया गया कि अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन करते हुए विजय जामनिक ने ठेकेदार द्वारा जमा की गई 2.93 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सुरक्षा निधि (Security Deposit) समय से पहले लौटा दी। इसमें एफडीआर (FDR) नंबर 1764903 और 1764904 के तहत प्रत्येक 1.46 करोड़ रुपये की राशि शामिल थी।

ठेकेदार ने नहीं बढ़ाई काम की रफ्तार

सबसे गंभीर बात यह है कि अब तक इस परियोजना का केवल 60 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है। रिपोर्ट के अनुसार ठेकेदार ने काम को पूरा करने की दिशा में कोई गंभीर प्रयास नहीं किया। ऐसी स्थिति में यदि ठेकेदार काम छोड़ देता है तो विभाग उस सुरक्षा निधि का उपयोग नहीं कर पाएगा, जो विभागीय हितों को सीधा नुकसान पहुंचाता है।

Advertisment

अनुशासनहीनता और वित्तीय लापरवाही का मामला

विभाग ने माना कि समय से पहले राशि जारी करने से सरकारी हितों को क्षति पहुंची है। इसे वित्तीय अनियमितता और अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा गया है। इसके चलते विजय जामनिक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 (Chhattisgarh Civil Service Rules, 1966) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

रायपुर मुख्यालय में होगी तैनाती

निलंबन अवधि के दौरान विजय जामनिक का मुख्यालय रायपुर स्थित महानदी-गोदावरी कछार के मुख्य अभियंता कार्यालय को निर्धारित किया गया है। इस अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) मिलेगा।

विभागीय सूत्रों का कहना है कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। यदि ठेकेदार और अभियंता के बीच मिलीभगत पाई जाती है तो आगे और भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार पर सियासत: भूपेश बघेल ने 14 मंत्रियों की नियुक्ति को अवैधानिक बताया, उठाए ये सवाल

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें