CG High Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सूचना आयोग (State Information Commission) के मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner) और अन्य सूचना आयुक्तों (Information Commissioners) की नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। बिलासपुर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) की सिंगल बेंच ने 29 मई 2025 को इन नियुक्तियों पर रोक (appointment stay order) लगा दी थी, और अब मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दो दिन का अतिरिक्त समय रिज्वाइंडर (Rejoinder Filing) के लिए याचिकाकर्ताओं को दिया है।
याचिकाओं में नियुक्ति प्रक्रिया के मापदंडों को दी गई चुनौती
हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) में दायर की गई तीन अलग-अलग याचिकाओं (Petitions challenging appointment criteria) में इस बात को लेकर आपत्ति जताई गई है कि सूचना आयुक्तों की नियुक्ति के लिए तय किए गए मापदंड पारदर्शी नहीं हैं और संभावित रूप से मनमाने हैं। अधिवक्ताओं ने यह तर्क दिया कि इससे संविधान में दिए गए समान अवसर और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के सिद्धांतों का उल्लंघन हो सकता है (violation of fair selection and transparency norms)।
जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की कोर्ट में हुई सुनवाई
यह सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल (Justice Ravindra Agrawal) की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से समय की मांग की ताकि वे अपना रिज्वाइंडर प्रस्तुत कर सकें। अदालत ने दो दिन का समय देते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि अगली सुनवाई 29 जुलाई 2025 को निर्धारित की गई है (next hearing date: 29 July 2025)।
29 मई से लागू है नियुक्तियों पर रोक
गौरतलब है कि पहले ही 29 मई 2025 को कोर्ट ने मुख्य सूचना आयुक्त और अन्य सूचना आयुक्तों के पदों पर होने वाली सभी नियुक्तियों को रोक दिया था। कोर्ट का यह अंतरिम आदेश प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करता है (judicial scrutiny of selection process)।
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जनहित से जुड़ा मामला, पारदर्शिता पर सवाल
इस मामले को जनहित से जोड़कर देखा जा रहा है क्योंकि सूचना आयोग का कार्य जनता को जानकारी का अधिकार (Right to Information – RTI) दिलाना है। यदि इन महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ नहीं होती, तो इससे RTI की मूल भावना कमजोर होगी।
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