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छत्तीसगढ़ सरकार की नई पहल: अब श्रमिकों को फैक्ट्री परिसर में ही मिलेगा घर, बढ़ेगी कार्यक्षमता और औद्योगिक निवेश

Chhattisgarh Industrial Land Policy 2025: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने औद्योगिक भूमि प्रबंधन नियमों में संशोधन कर 15% भूमि गैर-औद्योगिक उपयोग के लिए तथा कारखाना परिसर में श्रमिकों के आवास की अनुमति दे दी है, जिससे उत्पादकता और कल्याण को बढ़ावा मिलेगा।

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Shashank Kumar
Chhattisgarh Industrial Land Policy 2025

Chhattisgarh Industrial Land Policy 2025

Chhattisgarh Industrial Land Policy 2025: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने श्रमिकों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने के उद्देश्य से “छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015” में व्यापक संशोधन किया गया है। यह संशोधन 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, जो राज्य की निवेशक-अनुकूल छवि को और मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

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औद्योगिक भूमि का 15% हिस्से में गैर-औद्योगिक उपयोग

नए नियमों के तहत अब उद्योगपतियों को अपनी पट्टे पर ली गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपयोग करने की अनुमति मिल गई है। इसमें प्रशासनिक भवन, कैंटीन, गोदाम, कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण हॉल आदि शामिल हैं।

पहले इस तरह के उपयोग के लिए जटिल अनुमति प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था, जिससे उद्योगों के सुचारु संचालन में बाधाएं आती थीं। अब यह प्रक्रिया सरल और प्रभावी बना दी गई है, जिससे उद्यमी आसानी से अपने उद्योगों का विस्तार कर सकेंगे।

फैक्ट्री परिसर में ही मिलेगा श्रमिकों को आवास

संशोधन (Chhattisgarh Industrial Land Policy) का दूसरा और सबसे मानवीय पहलू यह है कि अब औद्योगिक इकाइयां अपने परिसर या आस-पास श्रमिकों के लिए आवास का निर्माण कर सकेंगी। यह निर्णय न केवल श्रमिकों को कार्यस्थल के पास सुरक्षित और सुलभ आवास प्रदान करेगा, बल्कि उनकी कार्यक्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि करेगा। अब उन्हें लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं होगी, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी।

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उद्योग और श्रमिक दोनों को होगा लाभ

इस नए संशोधन से एक ओर जहां उद्यमियों को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा, वहीं दूसरी ओर श्रमिकों को बेहतर जीवनशैली और सुविधा मिलेगी। यह परिवर्तन छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा, क्योंकि वे अब सीमित संसाधनों में भी श्रमिकों के लिए बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर सकेंगे।

रायपुर के उद्योगपतियों ने सराहा सरकार का निर्णय

रायपुर के वरिष्ठ उद्योगपति राजेश अग्रवाल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, “अब हम अपने कर्मचारियों के लिए कल्याण केंद्र और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित कर सकेंगे। इससे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा और उत्पादन में भी सुधार होगा।”

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औद्योगिक विकास के साथ श्रमिकों का कल्याण

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस संशोधन को अपने “विकसित छत्तीसगढ़” के विजन का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल उद्योगों को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि श्रमिकों के जीवन को भी बेहतर बनाना है। यह संशोधन इन दोनों लक्ष्यों को साथ लेकर चलने की दिशा में एक मजबूत कदम है।”

श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही आवासीय सुविधा मिलने से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव भी कम होगा, जिससे ट्रैफिक, झुग्गी और बुनियादी सुविधाओं पर बोझ घटेगा। इससे शहरी विकास को भी संतुलित बनाए रखने में मदद मिलेगी।

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