Chhattisgarh Illegal Pathology Centers: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में इन दिनों अवैध पैथोलॉजी जांच केंद्रों की बाढ़ सी आ गई है, जहां न तो डॉक्टर की डिग्री, न कोई चिकित्सा प्रशिक्षण और न ही मानक का पालन किया जा रहा है।
शहर के हर गली-मोहल्ले में ये अवैध केंद्र चल रहे हैं, और कई प्रैक्टिशनर खुद इलाज करने के साथ-साथ पैथोलॉजी जांच भी कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ 10वीं-12वीं पास लड़के भी पैथोलॉजी रिपोर्ट बना रहे हैं।
सैंपल लेकर दूसरे लैब्स से ले रहे जांच रिपोर्ट
कई पैथोलॉजी केंद्रों के पास खुद का उपकरण नहीं है और वे सैंपल लेकर दूसरे लैब्स से जांच रिपोर्ट प्राप्त करते हैं। इससे मरीजों को सही और विश्वसनीय जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है, जबकि लैब संचालन के लिए सीबीसी मशीन, बायोकेमिस्ट्री एनालाइजर और माइक्रोस्कोप जैसे उपकरण होना अनिवार्य हैं।
इसके अलावा, बिलासपुर में “डॉ. लाल पैथोलैब” जैसे सेंटर हैं, जो ₹50,000 में फ्रेंचाइजी दे रहे हैं। इन केंद्रों के कई स्थानों पर लाइसेंस की कमी है, और सिर्फ तिलक नगर वाला केंद्र ही हेल्थ विभाग से वैध लाइसेंस प्राप्त है।
नियमों को नजरअंदाज कर सेंटर चलाए जा रहे
पैथोलॉजी लैब्स (Chhattisgarh Illegal Pathology Centers) को संचालित करने के लिए एमबीबीएस या एमडी पैथोलॉजिस्ट की डिग्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का रजिस्ट्रेशन, चिकित्सा अपशिष्ट सेवा के साथ अनुबंध, सीएमएचओ ऑफिस से रजिस्ट्रेशन, नगर पालिका की अनुमति और गुमाश्ता लाइसेंस जैसे दस्तावेज जरूरी हैं। लेकिन शहर में इन नियमों को नजरअंदाज कर कई अवैध पैथोलॉजी लैब्स और कलेक्शन सेंटर चलाए जा रहे हैं।
शहर में 200 पैथोलॉजी सेंटर, लाइसेंस केवल 50 के पास
शहर में लगभग 200 पैथोलॉजी और कलेक्शन सेंटर हैं, लेकिन इनमें से केवल 50 के पास ही लाइसेंस है। हेल्थ विभाग ने जिन पैथोलॉजी लैब्स को लाइसेंस दिया है, उनमें प्रमुख नाम शामिल हैं: अप्पाजी पैथोलैब, जेपी पैथोलैब, डॉ. लाल पैथोलैब तिलक नगर, शिव लैबोरेटरी, ओम पैथोलैब, और अन्य कई केंद्र।
इन अवैध पैथोलॉजी सेंटरों की वजह से मरीजों को सही और सटीक जांच रिपोर्ट नहीं मिल पा रही, जो उनके इलाज में दिक्कत पैदा कर रही है।