Advertisment

छत्तीसगढ़ में IFS अरुण प्रसाद ने दिया इस्तीफा: पर्यावरण संरक्षण मंडल के थे सदस्य सचिव, निजी क्षेत्र में जाने की अटकलें

IFS Arun Prasad P: छत्तीसगढ़ में IFS अरुण प्रसाद ने दिया इस्तीफा, पर्यावरण संरक्षण मंडल के थे सदस्य सचिव, निजी क्षेत्र में जाने की अटकलें

author-image
Harsh Verma
IFS Arun Prasad

IFS Arun Prasad: छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े एक अहम प्रशासनिक पद पर कार्यरत भारतीय वन सेवा (IFS) के अधिकारी अरुण प्रसाद पी (Arun Prasad P) ने सेवा से इस्तीफा दे दिया है। वर्तमान में वे राज्य पर्यावरण संरक्षण मंडल (Chhattisgarh Environment Conservation Board) के सदस्य सचिव (Member Secretary) के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने बुधवार को राज्य सरकार को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसमें व्यक्तिगत कारणों (Personal Reasons) का हवाला दिया गया है।

Advertisment

हालांकि, उनका इस्तीफा अभी स्वीकृत नहीं हुआ है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार इसकी अनुशंसा केंद्र सरकार को भेजेगी, जिसके बाद ही इस्तीफे को अंतिम मंजूरी मिलेगी। तब तक अरुण प्रसाद अपने पद पर बने रहेंगे।

यह भी पढ़ें: CG News: जोन 8 में गुंडागर्दी के खिलाफ फूटा निगमकर्मियों का गुस्सा, कामकाज बंद कर दिया धरना, कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन

तमिलनाडु से हैं मूल रूप से, 2006 बैच के वरिष्ठ IFS अफसर

अरुण प्रसाद मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं और वे 2006 बैच के IFS अधिकारी हैं। वे वर्तमान में मुख्य वन संरक्षक (C.C.F.) के स्तर के अधिकारी हैं। उनकी कार्यशैली को प्रभावशाली और अनुशासित माना जाता रहा है। उन्होंने दंतेवाड़ा और राजनांदगांव जिलों में डीएफओ (DFO) के रूप में सेवा दी है और जंगलों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाई है।

Advertisment

सीएसआईडीसी और मंडी बोर्ड में भी निभा चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी

IFS अरुण प्रसाद ने छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (CSIDC) के प्रबंध निदेशक (MD) के रूप में लंबी सेवा दी। इसके अलावा वे मंडी बोर्ड (Mandi Board) के एमडी भी रहे। दोनों जिम्मेदारियों में उनके कार्यकाल को प्रभावशाली और नीति-निर्माण में सक्रिय माना गया।

निजी कंपनी से जुड़ने की अटकलें, इस्तीफे के बाद करियर बदलने की तैयारी

सूत्रों की मानें तो अरुण प्रसाद अब निजी क्षेत्र (Private Sector) की ओर रुख कर सकते हैं। चर्चा है कि वे किसी बड़ी निजी कंपनी से जुड़ने जा रहे हैं, जहां उन्हें प्रशासनिक और रणनीतिक सलाहकार की भूमिका मिल सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि पिछले कुछ समय से वे निजी क्षेत्र में नई पारी को लेकर मंथन कर रहे थे।

यह भी पढ़ें: CG के नेशनल पार्क में एनकाउंटर: माओवादी केंद्रीय कमेटी का बड़ा नेता सुधाकर मारा गया, एक करोड़ का था इनामी

Advertisment
Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें