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छत्तीसगढ़ की पूर्व IAS रीता शांडिल्य को बड़ी जिम्मेदारी: CGPSC की स्थायी अध्यक्ष बनीं, भर्ती घोटाला के बाद नई नियुक्ति

CGPSC Chairman Rita Shandilya: छत्तीसगढ़ की पूर्व IAS रीता शांडिल्य को बड़ी जिम्मेदारी, CGPSC की स्थायी अध्यक्ष बनीं, भर्ती घोटाला के बाद नई नियुक्ति

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Harsh Verma
छत्तीसगढ़ की पूर्व IAS रीता शांडिल्य को बड़ी जिम्मेदारी: CGPSC की स्थायी अध्यक्ष बनीं, भर्ती घोटाला के बाद नई नियुक्ति

CGPSC Chairman Rita Shandilya: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने प्रशासनिक सेवा की अनुभवी अधिकारी रीता शांडिल्य (Rita Shandilya) को छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (Chhattisgarh Public Service Commission – CGPSC) का स्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया है।

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सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department) ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। रीता शांडिल्य 2002 बैच की सेवानिवृत्त IAS अधिकारी हैं। इससे पहले वह कार्यकारी अध्यक्ष (Acting Chairperson) के रूप में आयोग की कमान संभाल रही थीं।

सोनवानी घोटाले के बाद नियुक्ति का महत्व

[caption id="" align="alignnone" width="701"]publive-image रिटायर IAS रीता शांडिल्य[/caption]

गौरतलब है कि टामन सोनवानी (Taman Sonwani) के अध्यक्ष रहते हुए CGPSC में बड़ा भर्ती घोटाला (Recruitment Scam) सामने आया था। यह मामला प्रदेश की राजनीति (Politics of Chhattisgarh) में चुनावी मुद्दा भी बना।

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नई सरकार के गठन के बाद इस घोटाले की जांच CBI (Central Bureau of Investigation) को सौंपी गई। जांच के बाद तत्कालीन अध्यक्ष टामन सोनवानी सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस पृष्ठभूमि में रीता शांडिल्य की नियुक्ति को बेहद अहम माना जा रहा है।

ईमानदार और सख्त प्रशासनिक छवि

रीता शांडिल्य अपने प्रशासनिक करियर (Administrative Career) के दौरान एक ईमानदार और सख्त अफसर मानी जाती रही हैं। छत्तीसगढ़ सरकार का मानना है कि उनकी नियुक्ति से आयोग की पारदर्शिता (Transparency) और विश्वसनीयता (Credibility) को मजबूती मिलेगी।

अब उनकी जिम्मेदारी होगी कि आयोग की छवि को सुधारते हुए प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित करें।

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आयोग में सुधार की उम्मीदें

विशेषज्ञों का मानना है कि रीता शांडिल्य के नेतृत्व में CGPSC में प्रशासनिक सुधार (Administrative Reforms) की नई शुरुआत होगी।

घोटाले से हिल चुकी आयोग की साख को बहाल करना और युवाओं के विश्वास को कायम करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगी। साथ ही आयोग में समयबद्ध परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करना भी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।

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