Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सड़कों (Roads) की खस्ताहाल स्थिति को लेकर हाईकोर्ट (High Court) ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाया है। रायपुर-बिलासपुर (Raipur-Bilaspur) नेशनल हाईवे (National Highway) से लेकर बिलासपुर (Bilaspur) शहर की मुख्य सड़कों तक जगह-जगह बड़े गड्ढे (Potholes) और ब्लैक स्पॉट (Black Spots) बने हुए हैं। इनकी वजह से आए दिन सड़क हादसे (Road Accidents) हो रहे हैं और लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।
बारिश ने खोली सड़क निर्माण की पोल
मानसून (Monsoon) ने एक बार फिर सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बारिश के दौरान गड्ढों और दरारों ने यह साफ कर दिया कि सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्य केवल कागजों पर ही हो रहे हैं। प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में लोग जर्जर और टूटी सड़कों से परेशान हैं।
हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश
चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा (Chief Justice Ramesh Kumar Sinha) और जस्टिस रवींद्र अग्रवाल (Justice Ravindra Agrawal) की डिवीजन बेंच (Division Bench) ने कहा कि सड़क सुधार में अब किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अदालत ने निर्देश दिया कि PWD (Public Works Department) और NHAI (National Highways Authority of India) तुरंत एक ठोस कार्ययोजना तैयार करें और अगली सुनवाई तक रिपोर्ट पेश करें।
जिम्मेदारी से नहीं बच सकेंगे अफसर
हाईकोर्ट ने PWD और NHAI के अफसरों को पर्सनल एफिडेविट (Personal Affidavit) पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही NTPC (National Thermal Power Corporation) और SECL (South Eastern Coalfields Limited) जैसे बड़े संस्थानों को भी सड़क की बदहाल हालत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। कोर्ट ने साफ कहा कि केवल फाइलों और रिपोर्टों में सुधार दिखाने से काम नहीं चलेगा, यह जनता की ज़िंदगी से जुड़ा मुद्दा है और वास्तविक सुधार जमीन पर दिखना चाहिए।
हादसों से दहशत में लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि आए दिन हादसों के कारण लोग डर के साए में सफर करते हैं। कई परिवार अपनों को खो चुके हैं और रोजाना घायल होने वालों की संख्या बढ़ रही है। हाईकोर्ट की इस सख्ती से लोगों में उम्मीद जगी है कि अब सड़कों की हालत सुधारने के लिए प्रशासन मजबूर होगा।