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छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के आवास जर्जर: 22 प्रतिशत जवानों को ही मिल पाए क्वार्टर, हाईकोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी

Chhattisgarh Police Housing: छत्तीसगढ़ में पुलिसकर्मियों के आवास जर्जर, 22 प्रतिशत जवानों को ही मिल पाए क्वार्टर, हाईकोर्ट ने जताई सख्त नाराजगी

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Harsh Verma
Chhattisgarh News

Chhattisgarh Police Housing: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में पुलिसकर्मियों के जर्जर मकानों को लेकर हाईकोर्ट (High Court) ने कड़ा रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस (Chief Justice) और जस्टिस बीडी गुरु (Justice BD Guru) की डिवीजन बेंच ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि जिन पुलिस आवासों की हालत खराब है, उन्हें तुरंत खाली कराया जाए और नए मकानों का निर्माण सुनिश्चित किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि लंबित बजट प्रस्तावों को मंजूरी देकर जल्द से जल्द पुलिस बल के लिए सुरक्षित और बेहतर आवास उपलब्ध कराए जाएं।

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पुलिसकर्मियों की आवासीय स्थिति चिंताजनक

हाईकोर्ट में छत्तीसगढ़ पुलिस आवास निगम (Chhattisgarh Police Housing Corporation) के मैनेजिंग डायरेक्टर (Managing Director) ने हलफनामा पेश कर स्वीकार किया कि राज्य में पुलिसकर्मियों की आवासीय स्थिति बेहद खराब है। फिलहाल राज्य में पुलिस बल की स्वीकृत संख्या 83,259 है, जबकि उपलब्ध क्वार्टर केवल 18,396 हैं। यानी महज 22 प्रतिशत जवानों को ही क्वार्टर मिल पाए हैं। बाकी पुलिसकर्मी जर्जर और अनुपयुक्त मकानों में रहने को मजबूर हैं।

रायपुर और बिलासपुर की गंभीर स्थिति

पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन ने कोर्ट को बताया कि रायपुर (Raipur) के आमानाका इलाके में 24 पुलिस क्वार्टरों को पीडब्ल्यूडी (PWD) ने पूरी तरह क्षतिग्रस्त घोषित कर दिया है। इनकी मरम्मत भी संभव नहीं है। वहीं बिलासपुर (Bilaspur) में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project) के तहत 56 पुलिस कर्मियों को मकान खाली कराए गए थे। शर्त यह थी कि उनके लिए नए मकान और जी प्लस-1 पुलिस स्टेशन बनाया जाएगा, लेकिन बजट आज तक मंजूर नहीं हुआ।

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फाइलों में अटके नए आवास प्रस्ताव

पुलिस हाउसिंग निगम को पहली बार 10 करोड़ रुपये का बजट भवनों की मरम्मत के लिए मिला है, लेकिन यह राशि अब तक जारी नहीं हुई। इसके अलावा 500 जी-टाइप (G-Type) और 2384 एच-टाइप (H-Type) नए क्वार्टर बनाने के लिए 390 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है, लेकिन प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिल पाई है।

कोर्ट ने दिए सख्त निर्देश

हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि जिन पुलिसकर्मियों को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के कारण बेघर किया गया है, उन्हें तुरंत वैकल्पिक आवास दिया जाए। साथ ही जर्जर मकानों को खाली कर पुनर्निर्माण की कार्यवाही शुरू की जाए। कोर्ट ने पुलिस हाउसिंग निगम के एमडी और वित्त विभाग के सचिव को 24 सितंबर तक ताजा स्थिति का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया है।

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