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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रधानपाठक के निलंबन पर लगाई रोक: जाति प्रमाण पत्र विवाद में मांगा सरकार से जवाब, जानें पूरा मामला

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रधानपाठक के निलंबन पर लगाई रोक, जाति प्रमाण पत्र विवाद में मांगा सरकार से जवाब, जानें पूरा मामला

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Harsh Verma
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Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पंडो जनजाति (Pando Tribe) से ताल्लुक रखने वाले प्रधानपाठक मानसिंह पंडो (Mansingh Pando) को जाति प्रमाण पत्र (Caste Certificate) विवाद में बड़ी राहत मिली है।

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने उनके निलंबन (Suspension) पर अंतरिम रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट का यह फैसला, प्रशासन द्वारा उनके जाति प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित करने और फिर निलंबन की कार्यवाही के बाद आया है।

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जाति प्रमाण पत्र को बताया गया अमान्य

मामला तब सामने आया जब मानसिंह पंडो के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई कि उन्होंने अनुसूचित जनजाति के विशेषाधिकारों का अनुचित लाभ उठाया है। इस शिकायत के आधार पर जिला स्तरीय जाति प्रमाण पत्र परीक्षण समिति ने जांच की और उनके प्रमाण पत्र को अमान्य घोषित कर दिया। इसके बाद प्रशासन ने उन्हें सेवा से निलंबित कर दिया।

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हाईकोर्ट पहुंचा मामला, याचिका पर सुनवाई जारी

निलंबन से नाराज मानसिंह पंडो ने इस कार्रवाई को चुनौती देते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका की प्रारंभिक सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने राज्य सरकार और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए मामले में जवाब मांगा है। इसके साथ ही अगली सुनवाई तक उनके निलंबन पर रोक लगा दी गई है।

हाईकोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह फैसला केवल अंतरिम है और अंतिम निर्णय विस्तृत सुनवाई के बाद लिया जाएगा। तब तक मानसिंह पंडो को शिक्षक के रूप में सेवा से पूरी तरह अलग नहीं किया जा सकेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार से साफ शब्दों में कहा है कि अगली सुनवाई तक पूरे मामले पर विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाए।

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