Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर जिले के भोपालपटनम ब्लॉक में हर साल बारिश के मौसम में 30 से अधिक गांवों का संपर्क टूट जाता है। चिंतावागु नदी (Chintawagu River) पर पुल नहीं होने के कारण ग्रामीणों को जीवन जोखिम में डालकर नदी पार करनी पड़ती है, जिससे न केवल राशन (ration access) लाना मुश्किल होता है बल्कि स्वास्थ्य सुविधाओं (healthcare access) तक पहुंचना भी असंभव हो जाता है।
हाईकोर्ट ने लिया था स्वत: संज्ञान, 2014 से बनी है गंभीर स्थिति
यह मामला पहली बार अगस्त 2014 में सुर्खियों में आया था जब लगातार बारिश के कारण ये गांव टापू (island-like villages) बन गए थे। ग्रामीणों को राशन लाने और मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए उफनती नदी पार करनी पड़ती थी। इस हालात को देखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने स्वत: संज्ञान (suo moto cognizance) लेते हुए राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
अब शासन ने बताया: पुल निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू
बीते सोमवार को हुई सुनवाई में शासन ने अदालत को बताया कि चिंतावागु नदी पर पुल निर्माण के लिए टेंडर (tender process for bridge) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि अब तक किसी ठेकेदार ने काम में रुचि नहीं दिखाई है, जिससे निर्माण कार्य में देरी हो रही है। कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने अब इस प्रक्रिया को जल्द पूर्ण कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।
77 वर्षों से ग्रामीणों को राहत का इंतजार
ग्रामीणों के अनुसार यह समस्या 77 वर्षों से बनी हुई है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया है। बारिश के समय गांवों का संपर्क मुख्य शहरों से कट जाता है। शासन ने यह भी बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में PDS दुकानों में चार महीने का राशन एक साथ उपलब्ध कराया जाता है ताकि आपूर्ति प्रभावित न हो। लेकिन यह अस्थायी समाधान है, पुल निर्माण ही स्थायी समाधान होगा।
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