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Chhattisgarh High Court:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने SECL की अपील की खारिज, पुनर्वास नीति की तिथि तय करेगी प्रभावितों का अधिकार

Chhattisgarh High Court on SECL Appeal: हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े केस में पुनर्वास नीति की तिथि को मान्य मानते हुए एसईसीएल की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा, अधिग्रहण तिथि पर लागू नीति के अनुसार ही रोजगार और पुनर्वास मिलेगा।

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Shashank Kumar
CG High Court

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Chhattisgarh High Court on SECL Appeal: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और रोजगार (Rehabilitation and Employment Rights) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कर दिया कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति को पुनर्वास नीति का लाभ उसी तिथि की नीति के अनुसार मिलेगा, जिस तिथि को उनकी भूमि का अधिग्रहण हुआ है। इस फैसले में एसईसीएल (SECL) की अपील को खारिज कर दिया गया है।

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अधिग्रहण की तिथि पर प्रभावशील नीति ही मान्य होगी

मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्ता गुरु की डिवीजन बेंच ने यह निर्णय सुनाया। कोर्ट ने कहा कि रोजगार और पुनर्वास अधिकार (Employment and Rehabilitation Rights) का निर्धारण अधिग्रहण अधिनियम पर नहीं, बल्कि भूमि अधिग्रहण की तिथि पर प्रभावशील पुनर्वास नीति पर आधारित होगा। यदि उस तिथि को जो पुनर्वास नीति लागू थी, उसी के अनुसार प्रभावितों को लाभ देना एसईसीएल की जिम्मेदारी है।

[caption id="attachment_872173" align="alignnone" width="1158"]Chhattisgarh High Court on SECL Appeal Chhattisgarh High Court on SECL Appeal[/caption]

Chhattisgarh High Court ने दोहराया पुराना फैसला

कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने स्पष्ट किया कि इस मामले में उठाए गए अधिकांश मुद्दे प्यारे लाल बनाम एसईसीएल केस में पहले ही निचली अदालत द्वारा तय किए जा चुके हैं और उन फैसलों को अब तक चुनौती नहीं दी गई है। इसलिए डिवीजन बेंच ने माना कि एसईसीएल की अपील में कोई नया तथ्य या तर्क नहीं है, जिससे पुराने निर्णय को बदला जाए।

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सुप्रीम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट और मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) के आदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि पुनर्वास और रोजगार से जुड़े अधिकार मौलिक अधिकार (Fundamental Right) हैं। इन्हें सरकार या किसी कंपनी द्वारा किसी नीति में बदलाव के बहाने छीना नहीं जा सकता। प्रभावितों को उनके न्यायोचित अधिकार (Legal Entitlement) देना राज्य और संबंधित कंपनियों की जिम्मेदारी है।

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पूर्व आदेश ही रहेगा प्रभावशील, अपील खारिज

डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि एसईसीएल की ओर से 29 जुलाई 2025 को जारी पुराने आदेश में कोई त्रुटि नहीं है, जिसे संशोधित किया जाए। इसलिए अपील खारिज करते हुए कहा गया कि पहले दिए गए आदेश के अनुरूप ही इस प्रकरण का निपटारा होगा। इससे प्रभावितों को राहत मिलेगी और उनका अधिकार सुरक्षित रहेगा।

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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: प्राचार्य पदोन्नति पर सरकार के नियम वैध, 1475 शिक्षकों की पदस्थापना प्रक्रिया फिर शुरू

CG High Court on Principal Promotion

CG High Court on Principal Promotion: छत्तीसगढ़ में प्राचार्य पदोन्नति (Principal Promotion in Chhattisgarh) को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद पर हाईकोर्ट ने बड़ा निर्णय सुनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए मापदंडों और नियमों को पूरी तरह वैध (Legally Valid Rules) ठहराते हुए शिक्षकों की ओर से दायर आधा दर्जन याचिकाओं को खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब 1475 शिक्षकों की पदस्थापना प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें..

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