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Chhattisgarh GST Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर में राज्य जीएसटी (GST) विभाग ने एक ऐसे बोगस बिल (Bogus Bill) सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है, जो लंबे समय से राज्य सरकार को कर (Tax) का भारी नुकसान पहुंचा रहा था। इस सिंडिकेट का मास्टर माइंड मो. फरहान सोरठिया (Mohd. Farhan Sorathiya) है, जो खुद को जीएसटी कर सलाहकार (GST Consultant) बताकर फर्जी फर्मों का पंजीयन कराता था।
26 फर्मों से ही 822 करोड़ का ई-वे बिल
जांच में सामने आया कि केवल 26 बोगस फर्मों से ही 822 करोड़ रुपये का ई-वे बिल (E-Way Bill) जनरेट किया गया, जबकि रिटर्न में मात्र 106 करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखाया गया। प्रारंभिक जांच में ही राज्य सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये के जीएसटी नुकसान का अनुमान लगाया गया है। यही नहीं, इन फर्मों के पंजीयन छत्तीसगढ़ के अलावा पंजाब, असम, मणिपुर और ओडिशा तक फैले हुए थे।
मास्टर माइंड का नेटवर्क और काम करने का तरीका
मो. फरहान ने अपने पांच ऑफिस स्टाफ को फर्जी फर्मों के पंजीयन कराने, रिटर्न फाइल करने और ई-वे बिल बनाने के लिए रखा था। जांच में किरायानामा, सहमति पत्र और एफिडेविट जैसे बोगस दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका इस्तेमाल फर्जी पंजीयन के लिए किया जाता था।
17 सितंबर को फरहान के चाचा मो. अब्दुल लतीफ सोरठिया के घर छापेमारी में 1 करोड़ 64 लाख रुपये नकद और 400 ग्राम सोने के चार बिस्किट मिले। जीएसटी विभाग ने इस नकदी और सोने को जब्त कर आयकर विभाग (Income Tax Department) को सूचना दे दी है।
जांच के घेरे में और लोग भी आए
जीएसटी विभाग की बीआईयू (BIU) टीम इस मामले की गहन जांच कर रही है। अब तक मिली जानकारी के आधार पर कई ब्रोकर (Brokers), स्क्रैप डीलर (Scrap Dealers) और इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit) का फायदा उठाने वाली कंपनियां जांच के दायरे में आ गई हैं। विभाग का कहना है कि आगे और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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