हाइलाइट्स
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पंचायत सचिवों को नहीं मिलती सुविधाएं
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सीएम ने सरकारी कर्मचारी की घोषणा की
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रिपोर्ट पर तय होगा सचिवों को क्या कहेंगे
Chhattisgarh Panchayat sachiv 2024: छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने प्रदेश के पंचायत सचिवों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की घोषणा कर दी है। इसके बाद से पंचायत सचिवों में उत्साह है।
हालांकि उनके मन में एक शंका और बैठ गई है, क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंचायत सचिवों (Chhattisgarh Panchayat sachiv 2024) को सरकारी कर्मचारी घोषित करने के ऐलान के साथ ही एक कमेटी की भी घोषणा कर दी है।
इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही पंचायत सचिव सरकारी कर्मचारी बनेंगे या नहीं बन पाएंगे, उनका सपना अधूरा ही रहेगा, यह तो बाद में तय होगा।
अब छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिव (Government Employees will Be Called Panchayat Secretary) सरकारी कर्मचारी कहलाएंगे या नहीं, यह तो कमेटी तय करेगी। यह कमेटी कब तक इस मामले को पूरा करती है, यह भी देखने वाली बात होगी।
वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंचायत सचिव के शासकीयकरण के मामले को लेकर समिति की घोषणा कर फिर से छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों की मांग पर एक पेच फंसा दिया है। यह रोड़ा फिर से पंचायत सचिवों को खटकने लगा है।
मोदी की गारंटी में है शामिल
बीते दिन 7 जुलाई को रायपुर के इनडोर स्टेडियम में पंचायत सचिव (Chhattisgarh Panchayat sachiv 2024) संघ का सम्मान समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnu Deo Sai) पहुंचे।
जहां उन्होंने एक कमेटी बनाने की घोषणा की। CM साय ने कहा कि सचिवों का शासकीय-करण मोदी की गारंटी में शामिल है। इसे हम पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी ने पंचायत सचिवों से वादा किया था कि उनका शासकीयकरण किया जाएगा। अब इस वादे को पूरा करने का वक्त आ गया है। हालांकि इसकी रिपोर्ट समिति सरकार को देगी, इसके बाद निर्णय होगा।
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नहीं मिलती सरकारी सुविधाएं
छत्तीसगढ़ में वर्तमान में पंचायत सचिव सरकारी कर्मचारी (Government Employees will Be Called Panchayat Secretary) नहीं कहलाए जाते हैं। इन कर्मचारियों की नियुक्ति जिला पंचायत के माध्यम से होती है, यह पंचायत विभाग के नियमित कर्मचारी हैं।
इन कर्मचारियों को वेतन तो मिलता है, लेकिन सरकारी कर्मचारियों की तरह अन्य भत्ते और सुविधाएं नहीं दी जाती है। इन्हें मेडिकल जैसी बाकी सुविधाएं जो अन्य सरकारी कर्मचारियों को मिलती है, उसका लाभ इन कर्मचारियों को नहीं मिलता है।
प्रदेश के पंचायत सचिव संगठन की मांग है कि इन पंचायत सचिवों को भी सरकारी कर्मचारी बनाया जाए और उनको भी सभी भत्ते और सुविधाएं दी जाएं, ताकि उनके परिवार को आर्थिक संकट से न जूझना पड़े।