Chhattisgarh Pension Scheme: छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन से जुड़ी व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो गया है। 1 अगस्त 2025 से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इसके बाद अब राज्य में सीधी भर्ती से आने वाले किसी भी सरकारी कर्मचारी को OPS का लाभ नहीं मिलेगा।
राज्य सरकार ने इस संबंध में 24 जनवरी 2025 को अधिसूचना (Notification) जारी कर दी थी, जिसमें यह स्पष्ट कर दिया गया था कि नई नियुक्तियों में कर्मचारियों को दो ही विकल्प मिलेंगे, नवीन पेंशन योजना (New Pension Scheme) या एकीकृत पेंशन योजना (Unified Pension Scheme)।
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क्या है UPS और कैसे अलग है यह NPS और OPS से?
एकीकृत पेंशन योजना (UPS) को एक संतुलित और व्यवहारिक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इसमें पुरानी और नई दोनों योजनाओं की विशेषताएं जोड़ी गई हैं:
- सेवानिवृत्त कर्मचारी को अंतिम 25 वर्षों के औसत वेतन का 50% निश्चित पेंशन (Defined Pension) मिलेगा।
- कम से कम 10 वर्षों की सेवा पर न्यूनतम ₹10,000 मासिक पेंशन की गारंटी दी गई है।
- UPS के अंतर्गत पेंशन संचालन पेंशन एवं भविष्य निधि निदेशालय (Directorate of Pension and Provident Fund) द्वारा किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
OPS की विदाई, कर्मचारियों की सुरक्षा की नई शुरुआत
सरकार का कहना है कि UPS से कर्मचारियों को न केवल एक निश्चित पेंशन की गारंटी मिलेगी, बल्कि इससे राज्य के वित्तीय प्रबंधन (Financial Management) को भी मजबूती मिलेगी। NPS जहां पूरी तरह से बाजार आधारित और निवेश पर आधारित योजना है, वहीं UPS एक निश्चित लाभ आधारित मॉडल (Defined Benefit Model) है।
UPS क्यों है व्यवहारिक विकल्प?
- कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद स्थायी आय की गारंटी मिलती है
- OPS की तरह वित्तीय अस्थिरता नहीं आती
- सरकार की जिम्मेदारी सीमित रहती है, जिससे राजकोषीय अनुशासन (Fiscal Discipline) बना रहता है
- युवाओं में सरकारी नौकरी को लेकर विश्वास और आकर्षण बढ़ेगा
राजनीतिक और कर्मचारी संगठन क्या कह रहे हैं?
हालांकि, कुछ कर्मचारी संगठन UPS के लाभ को लेकर पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। उनका मानना है कि जब OPS में जीवनभर पूरी पेंशन मिलती थी, तो UPS में भी इसे और अधिक मजबूत किया जाना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि यह योजना लंबी अवधि के समाधान और संतुलन के लिए तैयार की गई है।
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