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छत्तीसगढ़ में गौधाम योजना से मिलेगा रोजगार: चरवाहों और गौसेवकों को सैलरी देगी साय सरकार, इतने रुपये प्रतिमाह मिलेंगे

CG Gaudham Yojana: छत्तीसगढ़ में गौधाम योजना से मिलेगा रोजगार, चरवाहों और गौसेवकों को सैलरी देगी साय सरकार, इतने रुपये प्रतिमाह मिलेंगे

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Harsh Verma
CG Gaudham Yojana

CG Gaudham Yojana: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ग्रामीण अर्थव्यवस्था (Rural Economy) को मजबूत करने और पशुधन संरक्षण (Livestock Protection) को नई दिशा देने के लिए महत्वाकांक्षी गौधाम योजना (Gaudham Yojana) शुरू करने जा रही है। इस योजना के तहत न केवल निराश्रित और घुमंतु गौवंशीय पशुओं की देखभाल होगी, बल्कि चरवाहों और गौसेवकों को स्थायी आय के साधन भी उपलब्ध होंगे।

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पशुधन की सुरक्षा और नस्ल सुधार पर जोर

[caption id="" align="alignnone" width="609"]publive-image गौधाम योजना का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीके से पशुओं का संरक्षण और संवर्धन करना है।[/caption]

गौधाम योजना का उद्देश्य वैज्ञानिक तरीके से पशुओं का संरक्षण और संवर्धन करना है। योजना में गौ-उत्पादों को बढ़ावा देने, चारा विकास कार्यक्रम (Fodder Development) को प्रोत्साहित करने और गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पशुओं की नस्ल सुधार कर उन्हें अधिक दूध देने और खेती-किसानी में उपयोगी बनाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

चरवाहों और गौसेवकों के लिए स्थायी आय

योजना के तहत चरवाहों को 10,916 रुपये प्रतिमाह और गौसेवकों को ₹13,126 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। साथ ही, पशुओं के चारे के लिए प्रतिदिन निश्चित राशि दी जाएगी। उत्कृष्ट गौधाम को पहले वर्ष प्रति पशु ₹10, दूसरे वर्ष ₹20, तीसरे वर्ष ₹30 और चौथे वर्ष ₹35 प्रतिदिन की दर से राशि प्रदान की जाएगी।

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गौधाम की स्थापना और संचालन की प्रक्रिया

[caption id="" align="alignnone" width="645"]publive-image गौधाम में गोबर खरीदी नहीं होगी, लेकिन उसका उपयोग चरवाहा स्वयं कर सकेगा।[/caption]

गौधाम ऐसे स्थानों पर बनाए जाएंगे जहां सुरक्षित बाड़ा, शेड, पानी और बिजली की सुविधा हो। पहले चरण में प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास के ग्रामीण इलाकों में इन्हें स्थापित किया जाएगा। संचालन के लिए पंजीकृत गौशालाओं, एनजीओ, ट्रस्ट, किसान उत्पादक कंपनियों और सहकारी समितियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

चारा विकास और गौ-आधारित उद्योग को प्रोत्साहन

गौधाम में गोबर खरीदी नहीं होगी, लेकिन उसका उपयोग चरवाहा स्वयं कर सकेगा। योजना के तहत चारा विकास के लिए एक एकड़ में 47,000 रुपये और पांच एकड़ में 2,85,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। साथ ही, गौधाम को प्रशिक्षण केंद्र बनाकर ग्रामीणों को गोबर और गौमूत्र से खाद, अगरबत्ती, दंतमंजन, दीये, गोनोइल और गौ काष्ठ जैसे उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि गौधाम योजना से गांवों में रोजगार बढ़ेगा, पशुधन सुरक्षित होगा और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इसे ग्रामीण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।

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