हाइलाइट्स
- बिलासपुर में बाढ़ में बह गए 4 बच्चे, 3 की गई जान।
- पचपेड़ी के टांगर गांव में नदी में बहा 12 साल का बच्चा।
- बीजापुर में पलटी नाव, 2 बच्चियां डूब गईं, 9 को बचाया।
Chhattisgarh Bilaspur flood and heavy rain 2025: छत्तीसगढ़ में भारी बारिश और बाढ़ ने कहर मचा दिया है। सोमवार को तीन जिलों से बारिश से जुड़े दुखद हादसों की खबरें आईं, जहां बाढ़ और तेज बहाव ने मासूम जिंदगियों को लील लिया। बिलासपुर में बाढ़ में बहने से 3 बच्चों की मौत हो गई। ये हादसा मरही माता मंदिर के दर्शन के दौरान हुआ। बीजापुर में इंद्रावती नदी (Indravati river) में नाव पलटने से 2 बच्चियां बह गईं, जिन्हें खोजने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इस हादसे में नदी में बहे 9 लोगों को बचा लिया गया है। वहीं पचपेड़ी थाना क्षेत्र में भी एक बच्चा नदी में बह गया। प्रशासन और SDRF की टीमें राहत व बचाव में जुटी हैं।
बिलासपुर: नदी में बहे 4 बच्चे, 3 की मौत
बिलासपुर जिले के खोंगसरा क्षेत्र में सोमवार को बड़ा हादसा हुआ। मरही माता मंदिर दर्शन के लिए आए एक ही परिवार के 4 बच्चे अचानक आई बाढ़ में बह गए। इनमें से गौरी ध्रुव (13 साल), मुस्कान ध्रुव (13 साल) और नितांश ध्रुव (5 साल) की मौत हो गई। ये सभी बलौदाबाजार के भाटापारा से मंदिर में दर्शन करने आए थे। एक बच्चे की तलाश अब भी जारी है।
पचपेड़ी: नदी में बहा 12 साल का बच्चा
बिलासपुर के पचपेड़ी थाना क्षेत्र के टांगर गांव में एक 12 वर्षीय बच्चा लीलागर नदी पार करते समय बह गया। वह साइकिल से एनीकट पार कर रहा था, इस दौरान तेज बहाव में संतुलन खो बैठा। बच्चे के नदी में बहते ही गांव में कोहराम मच गया। इसके बाद SDRF की टीम मौके पर पहुंची लेकिन अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू रोक दिया गया। अब मंगलवार को फिर से तलाशी अभियान शुरू होगा।
बीजापुर में नाव हादसा: इंद्रावती नदी में बह गईं 2 बच्चियां
बीजापुर जिले में भी दर्दनाक हादसा हो गया। इंद्रावती नदी पार कर रही एक डोंगीनुमा नाव तेज बहाव के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसा उस समय हुआ जब एहकेली गांव से 11 लोग नलगोंडा की ओर जा रहे थे। नाव में नारायणपुर जिले के तीन ग्रामीणों समेत कुछ स्कूली बच्चियां भी सवार थीं। सभी लोग धान मिलिंग कराने नलगोंडा जा रहे थे। बीच रास्ते में नदी का बहाव तेज हो गया, जिससे नाव हिलने लगी। कुछ लोगों ने घबराकर नदी में छलांग लगा दी, तभी अचानक नाव पलट गई।
इस हादसे में सवार 11 लोगों में से 9 को स्थानीय लोगों और राहत दलों की मदद से सुरक्षित निकाल लिया गया, लेकिन 10 साल मनीषा और 11 साल शर्मिला उज्जी तेज बहाव में बह गईं। अब बच्चियों को ढूंढने के लिए प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। नगर सेना और गोताखोरों की टीम ने लगभग 10 किलोमीटर तक तलाशी अभियान चलाया, लेकिन दोनों का कोई सुराग नहीं मिला है।
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कई बार हो चुकी हैं नदी में नाव पलटने की घटनाएं
यह पहला मौका नहीं है जब इस नदी में नाव पलटने की घटना हुई हो। हर साल बरसात के मौसम में ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ जाती है। इस नदी के एहकेली और नलगोंडा घाट के बीच लगभग 500 मीटर की चौड़ाई है और क्षेत्र के करीब 13 गांवों के लोग आने-जाने के लिए इसी तरह की डोंगियों पर निर्भर रहते हैं।
फिलहाल, भैरमगढ़ के तहसीलदार, पुलिस, पटवारी और नगर सेना की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी है। अंधेरा होने की वजह से अभियान अस्थाई रूप से रोक दिया गया है, जिसे मंगलवार सुबह दोबारा शुरू किया जाएगा।