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छत्तीसगढ़ में EOW की बड़ी कार्रवाई: सौम्या चौरसिया की 16 संपत्तियों की कुर्की, जांच में क्या सामने आया?

CG Eow Action: छत्तीसगढ़ में EOW की बड़ी कार्रवाई, सौम्या चौरसिया की 16 संपत्तियों की कुर्की, जांच में क्या सामने आया?

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Harsh Verma
Saumya Chaurasia

CG Eow Action: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने कोर्ट के आदेश पर आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया (Saumya Chaurasia) की 16 अचल संपत्तियों को अंतरिम रूप से कुर्क कर लिया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत करीब 8 करोड़ रुपये आंकी गई है।

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ईओडब्ल्यू ने विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) छत्तीसगढ़ के समक्ष आवेदन दिया था। सुनवाई के बाद अदालत ने 22 सितंबर को यह आदेश जारी किया।

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करीबियों के नाम पर कुल 45 अचल संपत्तियां खरीदी

जांच में सामने आया है कि सौम्या चौरसिया ने अपने करीबियों के नाम पर कुल 45 अचल संपत्तियां खरीदी थीं। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 47 करोड़ रुपये आंकी गई है। इनमें से कई संपत्तियां रिश्तेदार सौरभ मोदी (Saurabh Modi), अनुराग चौरसिया (Anurag Chaurasia) और अन्य लोगों के नाम पर खरीदी गई थीं।

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ईओडब्ल्यू ने सबूत जुटाकर यह साबित किया कि इनमें से 16 संपत्तियां भ्रष्ट तरीकों से अर्जित की गई हैं। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED – Enforcement Directorate) ने 29 संपत्तियों को कुर्क किया था, जिनकी कीमत लगभग 39 करोड़ रुपये थी।

कैसे हुआ करोड़ों का खेल?

छत्तीसगढ़ का कोल लेवी स्कैम (Coal Levy Scam) लंबे समय से सुर्खियों में रहा है। आरोप है कि एक बड़े कार्टेल के जरिए राज्य में हर टन कोयले (Coal) पर 25 रुपये की अवैध वसूली की जाती थी। इस नेटवर्क में बड़े अफसर, राजनेता, व्यापारी और बिचौलिए शामिल बताए जाते हैं।

ईडी ने इस घोटाले में अब तक 81 अचल संपत्तियों को कब्जे में लिया है और 10 संपत्तियों पर बेदखली नोटिस भी जारी किया है। इनमें फ्लैट, आभूषण, कोल वॉशरी और जमीन के प्लॉट शामिल हैं।

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ईओडब्ल्यू की यह कुर्की की पहली कार्रवाई

इस केस में सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी (Suryakant Tiwari), लक्ष्मीकांत तिवारी (Laxmikant Tiwari) और आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई (Sameer Vishnoi) समेत 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

ईओडब्ल्यू की यह कुर्की कार्रवाई पहली बार हुई है, जो भविष्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ और भी कड़ी कार्रवाई का संकेत देती है। अब शासन की नजर अन्य लोक सेवकों की अनुपातहीन संपत्तियों पर भी है।

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