/bansal-news/media/post_attachments/PRD_BansalNews/r8v81qvS-CG-News-4.webp)
Chhattisgarh Ravan Dahan: राजधानी रायपुर (Raipur) के WRS कॉलोनी मैदान में 101 फीट ऊंचे रावण (Ravan) का दहन हुआ। इस मौके पर राज्यपाल रामेन डेका (Ramen Deka) और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) मौजूद रहे। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग जुटे और आतिशबाजी ने माहौल को और भी रोमांचक बना दिया।
यह भी पढ़ें: अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा: जगदलपुर में करेंगे दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन, बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में होंगे शामिल
[caption id="" align="alignnone" width="547"]
रायपुर में जलता रावण[/caption]
दुर्ग, रायगढ़ और भिलाई में भव्य आयोजन
दुर्ग (Durg) जिले में 98 जगहों पर रावण दहन (Ravan Dahan) हुआ। यहां 21 बड़े कार्यक्रम आयोजित किए गए और सुरक्षा के लिए 600 जवानों की तैनाती की गई। भिलाई (Bhilai) में भगवान राम (Lord Ram) रथ पर सवार होकर पहुंचे और रामलीला मंचन के बाद रावण दहन हुआ।
रायगढ़ (Raigarh) के नटवर हाई स्कूल मैदान में 57 फीट ऊंचा रावण जलाया गया, जिसे देखने हजारों लोग उमड़े।
बिलासपुर में उत्सव और विवाद
[caption id="" align="alignnone" width="546"]
साइंस कॉलेज गेट के सामने ही रावण दहन कर दिया गया।[/caption]
बिलासपुर (Bilaspur) में दशहरा उत्सव बेहद भव्य रहा। पुलिस ग्राउंड, रेलवे मैदान और साइंस कॉलेज (Science College) सहित 10 से ज्यादा स्थानों पर 60 से 100 फीट ऊंचे रावण के पुतले तैयार किए गए थे।
हालांकि कॉलेज मैदान में अनुमति नहीं मिलने पर अरपांचल लोक मंच के सदस्यों ने हंगामा किया। पुलिस ने लोगों को रोकने की कोशिश की, लेकिन अंततः गेट के सामने ही रावण दहन कर दिया गया।
कोंडागांव और अंबिकापुर में बारिश की चुनौती
[caption id="" align="alignnone" width="549"]
कोंडागांव में भारी बारिश के बीच पहुंची भगवान राम और रावण की सेना।[/caption]
कोंडागांव (Kondagaon) और अंबिकापुर (Ambikapur) में बारिश ने आयोजकों और दर्शकों की परीक्षा ले ली। भीगी जमीन और झमाझम बारिश के बावजूद लोग छतरियां और रेनकोट लेकर मैदान में पहुंचे। राम-रावण संवाद का मंचन बारिश में ही हुआ और दर्शकों ने तालियों से कलाकारों का हौसला बढ़ाया।
रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को जलाने में मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि भीगे पुतले आग पकड़ नहीं रहे थे। कई प्रयासों के बाद आखिरकार तीनों पुतले जलकर राख हो गए।
गरियाबंद में भारी बारिश के बीच आयोजन
[caption id="" align="alignnone" width="523"]
गरियाबंद में आयोजकों ने डीजल डालकर पुतले को जलाया।[/caption]
गरियाबंद (Gariyaband) में सुबह से बारिश होने के कारण रावण का पुतला मैदान में नहीं लाया जा सका। आयोजकों ने डीजल डालकर पुतले को जलाया। कठिनाइयों के बावजूद स्थानीय लोग बड़ी संख्या में पहुंचे और दशहरा उत्सव का आनंद लिया।
सांस्कृतिक और धार्मिक उत्साह
बारिश और विवादों के बीच भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के हर जिले में विजयादशमी (Vijayadashami) उत्सव धूमधाम से मनाया गया। रावण दहन (Ravan Dahan) ने न सिर्फ धार्मिक आस्था को जीवित रखा बल्कि लोगों के बीच भाईचारे और उत्सव की भावना को और मजबूत किया।
यह भी पढ़ें: डोंगरगढ़ में विजयादशमी के दिन युवक की शर्मनाक हरकत: गाय के साथ की घिनौनी हरकत, बजरंग दल ने आरोपी का जुलूस निकाला
/bansal-news/media/agency_attachments/2025/10/15/2025-10-15t102639676z-logo-bansal-640x480-sunil-shukla-2025-10-15-15-56-39.png)
Follow Us
चैनल से जुड़ें