Durg Bhuyian Software Hacking: दुर्ग जिले के नंदिनी थाना पुलिस ने भुइंया सॉफ्टवेयर हैकिंग और जमीन के फर्जी बंटवारे से जुड़े एक बड़े घोटाले का खुलासा किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी नंद किशोर साहू को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि उसने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) से 36 लाख रुपये का लोन लिया और इसका बड़ा हिस्सा अपनी प्राइवेट कंपनी में इन्वेस्ट कर दिया।
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कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
मामला पटवारी हल्का नंबर 16 के अछोटी और मुरमुंदा गांव से जुड़ा है। यहां दिनू राम यादव और एस. राम बंजारे ने षड्यंत्र रचकर मूल खसरा नंबरों में हेरफेर की। नए खसरा नंबर बनाकर बैंक में दस्तावेज पेश किए और लोन प्राप्त किया।
जांच में सामने आया कि 20 लाख रुपये सीधे नंद किशोर साहू के खाते में ट्रांसफर हुए, जिन्हें उसने अपनी कंपनी भिलाई-दुर्ग फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी (Bhilai-Durg Farmer Producer Company) में लगा दिया।
765 एकड़ जमीन का रिकॉर्ड बदलकर 500 करोड़ का खेल
जांच में यह भी सामने आया कि मुरमुंदा, अछोटी, चेटुवा और बोरसी गांवों की 765 एकड़ जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है। आधी जमीन सरकारी और आधी निजी थी, लेकिन फर्जीवाड़े से अलग-अलग लोगों के नाम दर्ज कर दिए गए।
52 बोगस खसरा नंबर जारी कर जमीन को बांटा गया। चूंकि यह जमीन मुख्य मार्ग से सटी हुई है, इसलिए इसकी अनुमानित बाजार कीमत करीब 500 करोड़ रुपये आंकी जा रही है।
पटवारियों की आईडी से की गई हेराफेरी
प्राथमिक जांच में सामने आया कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा के पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी का इस्तेमाल कर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई।
दोनों पटवारियों को एनआईसी की रिपोर्ट के बाद निलंबित कर दिया गया है। फिलहाल, नंदिनी, कुम्हारी और अमलेश्वर थानों में इस मामले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं।
कैसे खुला पूरा मामला?
एक व्यक्ति ने इन्हीं फर्जी खसरा नंबरों के आधार पर एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) से लोन लेने की कोशिश की। बैंक ने जब जांच कराई तो दस्तावेजों में गड़बड़ी पकड़ी गई। इसके बाद पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया और पुलिस ने जांच तेज कर दी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने नंद किशोर साहू को गिरफ्तार कर धारा 318(4), 338, 336(3), 340(2), 3(5) बीएनएस और 66(सी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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FAQ
प्रश्न 1: भुइंया सॉफ्टवेयर हैकिंग मामले में कितनी जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी हुई है?
उत्तर: लगभग 765 एकड़ जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 500 करोड़ रुपये है।
प्रश्न 2: पुलिस ने किन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है?
उत्तर: पुलिस ने आरोपी पर बीएनएस की कई धाराओं और आईटी एक्ट की धारा 66(सी) के तहत मामला दर्ज किया है।
प्रश्न 3: यह मामला कैसे उजागर हुआ?
उत्तर: जब एक व्यक्ति ने फर्जी खसरा नंबर के आधार पर एचडीएफसी बैंक से लोन लेने की कोशिश की, तब जांच में गड़बड़ी सामने आई और फर्जीवाड़ा पकड़ा गया।