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Chhattisgarh Driver Mahasangh Strike: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में शनिवार से चल रहा ड्राइवर महासंघ (Driver Mahasangh) का “स्टेयरिंग छोड़ो, चक्का जाम आंदोलन” अब अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। महासंघ के प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच शनिवार, 26 अक्टूबर 2025 को रायपुर कलेक्ट्रेट में हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया।
कलेक्टर रायपुर (Collector Raipur) की अध्यक्षता में हुई बैठक में महासंघ की 11 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के बाद महासंघ ने कहा कि सरकार ने उनकी बातों पर सकारात्मक रुख दिखाया है। तय किया गया कि आगामी 6 या 7 नवंबर को शासन के उच्च अधिकारियों के साथ प्रतिनिधि मंडल (Delegation) की बैठक होगी। तब तक आंदोलन को स्थगित रखा जाएगा।
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कलेक्टर को सौंपा गया मांगपत्र
ड्राइवर महासंघ ने अपनी सभी 11 सूत्रीय मांगों को लिखित रूप में कलेक्टर को सौंपा। महासंघ के सदस्यों ने बताया कि यदि शासन की ओर से ठोस निर्णय नहीं लिए गए, तो आंदोलन दोबारा शुरू किया जा सकता है।
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क्या हैं प्रमुख मांगें?
महासंघ की सबसे बड़ी मांग प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी (Total Prohibition) लागू करने की है। उनका कहना है कि शराब के कारण सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है और ड्राइवरों की छवि पर भी इसका गलत असर पड़ता है।
दूसरी अहम मांग है ड्राइवर आयोग (Driver Commission) और ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड (Driver Welfare Board) का गठन, जिससे चालक वर्ग के लिए एक अलग नीति बनाई जा सके।
महासंघ ने मांग की है कि कमर्शियल लाइसेंस (Commercial License) पर बीमा की अनिवार्य व्यवस्था की जाए, ताकि सड़क दुर्घटनाओं में ड्राइवरों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके। दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये और अपंगता की स्थिति में 5 लाख रुपये की सहायता राशि दिए जाने की मांग भी रखी गई है।
सामाजिक सुरक्षा और सम्मान की मांग
ड्राइवरों ने यह भी कहा कि उन्हें हेल्थ कार्ड (Health Card) उपलब्ध कराया जाए, ताकि नियमित स्वास्थ्य जांच हो सके। 55 वर्ष की आयु पूरी करने पर पेंशन (Pension) सुविधा दी जाए।
साथ ही, ड्राइवरों के बच्चों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण (Reservation) मिले।
इसके अलावा, राज्य के हर जिले में ड्राइवर स्मारक (Driver Memorial) निर्माण और ड्राइवरों के साथ होने वाली मारपीट या लूट की घटनाओं पर पांच साल तक की कठोर सजा (Strict Punishment) का प्रावधान किया जाए।
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