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छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाला: अनवर ढेबर और पूर्व IAS अनिल टुटेजा की रिमांड बढ़ी, पूछताछ से खुलेंगे और राज

CG Custom Milling Scam: छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाला, अनवर ढेबर और पूर्व IAS अनिल टुटेजा की रिमांड बढ़ी, पूछताछ से खुलेंगे और राज

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Harsh Verma
CG Custom Milling Scam

CG Custom Milling Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बहुचर्चित कस्टम मिलिंग घोटाले की परतें खुलती ही जा रही हैं। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) और पूर्व आईएएस अफसर अनिल टुटेजा (Anil Tuteja) को आज एक बार फिर विशेष अदालत में पेश किया।

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कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को 7 दिन की और पुलिस रिमांड (Police Remand) पर भेज दिया है। अब यह रिमांड 21 जुलाई 2025 तक प्रभावी रहेगी।

पूछताछ से खुलेंगे और राज

जानकारी के अनुसार, ईओडब्ल्यू ने रिमांड बढ़ाने के लिए अदालत को बताया कि पहले चरण की पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं।

अब जांच एजेंसी उन आर्थिक चैनलों, लेनदेन और नेटवर्क की तह तक जाएगी, जिनके जरिए करोड़ों रुपये की अवैध वसूली (Illegal Recovery) की गई थी। सूत्रों की मानें तो पूछताछ में कई और प्रभावशाली नामों का खुलासा हो सकता है।

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पहले से जेल में बंद हैं आरोपी

गौरतलब है कि अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा पहले से ही बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) के आरोप में जेल में बंद हैं। कस्टम मिलिंग घोटाले में ईओडब्ल्यू की जांच के बाद इनकी भूमिका साबित हुई, जिसके बाद इन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया।

अब पूछताछ में यह पता लगाया जा रहा है कि कैसे मिलर्स से दो किस्तों में अवैध रकम वसूली गई और किन-किन चैनलों से यह रकम नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचाई गई।

किन धाराओं में दर्ज है मामला

ईओडब्ल्यू ने अनवर ढेबर और अनिल टुटेजा पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) की धारा 11, 13(1)(क) और 13(2) के अलावा IPC की धारा 120बी (आपराधिक साजिश - Criminal Conspiracy), 384 (जबरन वसूली - Extortion) और 409 (लोकसेवक द्वारा विश्वासघात - Criminal Breach of Trust) के तहत मामला दर्ज किया है।

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क्या है पूरा घोटाला?

कस्टम मिलिंग घोटाला साल 2021-22 में उस वक्त सामने आया, जब केंद्र सरकार ने राज्य को 62 लाख मीट्रिक टन धान की कस्टम मिलिंग की मंजूरी दी थी। इसके बाद प्रदेश के कुछ प्रभावशाली लोगों ने मिलर्स से करोड़ों रुपये की अवैध वसूली का जाल बिछाया।

\इस नेटवर्क में राइस मिल एसोसिएशन (Rice Mill Association) के अध्यक्ष कैलाश रुंगटा (Kailash Rungta), कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर (Roshan Chandrakar), रामगोपाल अग्रवाल (Ramgopal Agrawal) और सिद्धार्थ सिंघानिया (Siddharth Singhania) जैसे नाम भी सामने आए हैं।

ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, रोशन चंद्राकर ने अलग-अलग जिलों से मोटी रकम वसूली और इसे सिद्धार्थ सिंघानिया के माध्यम से अनवर ढेबर तक पहुंचाया गया। वहां से रकम अनिल टुटेजा तक भी गई।

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ईओडब्ल्यू का शिकंजा और कस रहा

जांच एजेंसी की कोशिश है कि इस घोटाले के हर पहलू की परत खोली जाए ताकि दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जा सके। सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं और कई रसूखदार नामों पर कार्रवाई तय है।

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