हाइलाइट्स
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चुन्नीलाल साहू बीजेपी में हो चुके है शामिल
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टिकट कटने से नाराज है कई नेता
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कई पूर्व विधायक कर सकते हैं बीजेपी BJP ज्वाइन
Chhattisgarh Congress: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं।
पूर्व विधायक मंतूराम पंवार और चुन्नीलाल साहू के बाद कई दिग्गज हैं जो पिछले डेढ़ महीने से भाजपा के संपर्क में है।
पहले सभी को एक साथ भाजपा में प्रवेश कराने की योजना थी, लेकिन कुछ नामों पर भाजपा में अभी मंथन चल रहा है।
सूत्रों की मानें तो छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress में फिर भगदड़ मच सकती है।
वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर और सौरभ सिंह को दी गई जिम्मेदारी
भाजपा में जिन नामों पर अभी मोहर नहीं लगी है वो नाम ईडी के रडार में हैं।
यही वजह है कि अभी सिर्फ चुन्नीलाल साहू को ही प्रवेश करवाया गया।
भाजपा में प्रवेश की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर और सौरभ सिंह को दी गई है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress में जो दिग्गज नेता है वो भाजपा में शामिल हो सकते हैं।
भाजपा में शामिल होने के लिए किसने क्या रखी शर्त
मोहित केरकट्टा – 2023 में टिकट कटने पर इन्होंने विरोध भी किया था। इनका कहना है कि अभी ऐसा कोई विचार नहीं है।
सूत्रों की मानें तो इन्होंने कोई शर्त रखी है, इस वजह से इनका होल्ड हुआ है।
महंत रामसुंदर दास- 2023 में ये छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress से जांजगीर से टिकट चाहते थे, लेकिन रायपुर दक्षिण से उतारा गया। हारने के बाद इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी।
कुछ दिन पहले प्रभारी ओम माथुर इन्हें हेलीकॉप्टर में साथ ले गए थे।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर से जुड़े कुछ नेताओं ने इनके प्रवेश पर आपत्ति की है।
बृहस्पति सिंह– टिकट कटने के बाद कुछ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने की वजह से इन्हें छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress से निष्कासित कर दिया गया था।
चुन्नीलाल ने बताया कैसे लिखी थी स्क्रिप्ट
विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ कांग्रेस Chhattisgarh Congress के कई पूर्व विधायक ऐसे थे। जो प्रबल दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी गई।
इसके अलावा कुछ विधायक ऐसे थे जिनके टिकट काटे गए।
परिणाम आने के बाद ये सभी मिलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने गए। इसमें चुन्नीलाल साहू के साथ करीब 12 पूर्व विधायक और थे।
चुन्नीलाल के मुताबिक वेणुगोपाल ने इन लोगों से कहा कि स्थानीय नेताओं ने सर्वे ही नहीं करने दिया। जिसे कि स्थानीय नेताओं ने सर्वे ही नहीं करने दिया। जिसे चाहा उसे टिकट दी।
इसके बाद ये सभी लामबंद हुए। सबसे पहले राम सुंदर दास ने कांग्रेस छोड़ी। बृहस्पति सिंह को निष्कासित किया गया।
बताया जाता है कि इसके बाद ये लोग भाजपा के संपर्क में आए। इनकी सूची तैयार कर अजय चंद्राकर को सौंपी गई। संगठन में चर्चा करने के बाद कुछ नामों पर आपत्ति आई।
हालांकि संगठन के वरिष्ठ नेता का कहना है कि जो भी भाजपा में आना चाहता है उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं। लेकिन, बिना किसी शर्त के यही वजह है कि जो भी नेता अपनी शर्त रख रहा है, उसके नाम को होल्ड पर डाल दिया जा रहा है।