Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बलरामपुर–रामानुजगंज (Balrampur–Ramanujganj) जिले में लुत्ती बांध (Lutti Dam) टूटने की घटना ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस मामले में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Deo Sai) ने नाराज़गी जताते हुए अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने साफ कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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फील्ड निरीक्षण को बनाया जाएगा अनिवार्य
मुख्यमंत्री साय ने मंत्रालय महानदी भवन (Mahanadi Bhavan) में जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) की गहन समीक्षा बैठक ली।
उन्होंने कहा कि मैदानी अधिकारी और कर्मचारी फील्ड (Field) में जाकर नियमित निरीक्षण नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण लुत्ती बांध का टूटना जैसी स्थिति बनी। अब सभी अधिकारी और कर्मचारी बांधों और सिंचाई परियोजनाओं का सतत निरीक्षण करेंगे।
सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति पर जोर
बैठक में मुख्यमंत्री ने सिंचाई परियोजनाओं (Irrigation Projects) के रखरखाव और मरम्मत पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने लक्षित सिंचाई क्षमता और वास्तविक सिंचाई क्षमता के बीच का अंतर कम करने के लिए ठोस कार्ययोजना बनाने को कहा।
विशेष रूप से बस्तर (Bastar) और सरगुजा (Surguja) संभाग की अधूरी योजनाओं को जल्द पूरा करने और निर्माणाधीन परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा करने पर बल दिया गया, ताकि किसानों को समय पर सिंचाई का लाभ मिल सके।
बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 का पालन
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा कि बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 (Dam Safety Act 2021) का कड़ाई से पालन किया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों को बेहतर समन्वय बनाने के निर्देश भी दिए।
1697 कार्य प्रगति पर
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में 4 वृहद परियोजनाएँ, 357 लघु परियोजनाएँ और 300 एनीकेट समेत कुल 661 कार्य चल रहे हैं। इसके अलावा 1036 जीर्णोद्धार कार्य भी जारी हैं। इस तरह कुल 1697 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है, जिन पर लगभग ₹8966 करोड़ खर्च होंगे।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन (Amitabh Jain), प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh), सचिव राहुल भगत (Rahul Bhagat), संयुक्त सचिव रवि मित्तल (Ravi Mittal), जल संसाधन विभाग के सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो (Rajesh Sukumar Toppo), प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उईके (Indrajit Uike) और प्रदेश के विभिन्न संभागों के मुख्य अभियंता मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री के सख्त तेवरों के बाद अब यह साफ हो गया है कि सरकार बांध सुरक्षा और सिंचाई परियोजनाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं करेगी।