CG Chief Secretary: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इन दिनों मुख्य सचिव (Chief Secretary) की नियुक्ति को लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चाएं हो रही थीं। मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन (Amitabh Jain) का कार्यकाल खत्म होने वाला था, ऐसे में माना जा रहा था कि इस बार नए चेहरे को मौका मिलेगा। सुब्रत साहू (Subrat Sahu) और मनोज पिंगुआ (Manoj Pingua) के नाम की चर्चा सबसे तेज थी।
बीते कुछ दिनों से मंत्रालय (Mantralaya) और साय कैबिनेट (Sai Cabinet) की बैठकों में भी यह मुद्दा चर्चा में रहा। अफसरों से लेकर नेताओं तक में यह सवाल घूम रहा था कि अब नया मुख्य सचिव कौन होगा।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद खुला पत्ता
आज सुबह अमिताभ जैन ने राज्यपाल (Governor) से मुलाकात की। इसी दौरान उनके सेवा विस्तार की चर्चा को और हवा मिली। राज्यपाल ने अमिताभ जैन को उनके अब तक के योगदान के लिए शुभकामनाएं दीं और भविष्य के लिए भी बधाई दी।
माना जा रहा था कि यह मुलाकात औपचारिक विदाई के लिए है लेकिन दोपहर तक तस्वीर बदल गई। आख़िरी वक्त में केंद्र सरकार (Central Government) से उनकी सेवा को एक्सटेंशन (Extension) देने की मंजूरी आ गई।
छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार किसी मुख्य सचिव को एक्सटेंशन
छत्तीसगढ़ के गठन (Formation) के बाद यह पहली बार हुआ है जब किसी मुख्य सचिव को एक्सटेंशन मिला है। अमिताभ जैन इस तरह राज्य के पहले ऐसे अफसर बन गए हैं जिन्हें केंद्र ने कार्यकाल बढ़ाने की अनुमति दी है।
इसके पीछे सरकार की मंशा राज्य में सुशासन (Good Governance) और प्रशासनिक स्थिरता बनाए रखने की बताई जा रही है। विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के बाद सत्ताधारी दल नहीं चाहता कि ब्यूरोक्रेसी (Bureaucracy) में बड़ा बदलाव अचानक हो।
सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ को करना होगा इंतजार
मुख्य सचिव पद की दौड़ में सबसे मजबूत नाम सुब्रत साहू और मनोज पिंगुआ का था। सुब्रत साहू राज्य सरकार में लंबे समय से अहम पदों पर रहे हैं और चुनाव आयोग (Election Commission) में भी सेवाएं दे चुके हैं। वहीं मनोज पिंगुआ का प्रशासनिक अनुभव भी मजबूत माना जाता है।
लेकिन केंद्र से आए फैसले ने दोनों अधिकारियों की उम्मीदों को फिलहाल के लिए टाल दिया है। अब माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों तक राज्य प्रशासन अमिताभ जैन के नेतृत्व में ही चलेगा।
कैबिनेट बैठक में होगा औपचारिक ऐलान
साय कैबिनेट की अगली बैठक में अमिताभ जैन के एक्सटेंशन का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है। इससे सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वरिष्ठ अफसरों का अनुभव राज्य के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है।
अब आगे क्या?
अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि अमिताभ जैन का यह एक्सटेंशन कितने समय के लिए होगा। सूत्रों के मुताबिक यह कार्यकाल छह महीने से एक साल तक बढ़ सकता है। इससे आने वाले समय में प्रशासनिक फेरबदल पर भी असर पड़ेगा।