Chhattisgarh Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) हुआ। राज्यपाल ने गजेंद्र यादव (Gajendra Yadav), राजेश अग्रवाल (Rajesh Agrawal) और गुरु खुशवंत साहेब (Guru Khushwant Saheb) को मंत्री पद की शपथ दिलाई। राजभवन (Raj Bhawan) में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में भाजपा (BJP) और सरकार के कई नेता मौजूद रहे।
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वरिष्ठ विधायकों की अनुपस्थिति से बढ़ी हलचल
इस शपथ ग्रहण समारोह में कई वरिष्ठ विधायक शामिल नहीं हुए। इनमें अजय चंद्राकर (Ajay Chandrakar), धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik), विक्रम उसेंडी (Vikram Usendi), रेणुका सिंह (Renuka Singh), लता उसेंडी (Lata Usendi) और धर्मजीत सिंह (Dharamjeet Singh) जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
अजय चंद्राकर राजभवन तो पहुंचे लेकिन शपथ समारोह से पहले ही अपने क्षेत्र के लिए रवाना हो गए। धरमलाल कौशिक दिल्ली रवाना हो गए थे, वहीं लता उसेंडी अरुणाचल प्रदेश दौरे पर हैं। विक्रम उसेंडी और धर्मजीत सिंह रायपुर में रहते हुए भी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। रेणुका सिंह भी रायपुर में मौजूद थीं लेकिन उन्होंने भी कार्यक्रम में दूरी बनाए रखी।
नए मंत्रियों को मिले अहम विभाग
- गजेंद्र यादव (Gajendra Yadav) को स्कूल शिक्षा (School Education), ग्रामोद्योग (Village Industries), विधि एवं विधायी कार्य विभाग (Law and Legislative Affairs) सौंपा गया।
- गुरु खुशवंत साहेब (Guru Khushwant Saheb) को कौशल विकास (Skill Development), तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार (Technical Education & Employment), अनुसूचित जाति विकास विभाग (SC Development) की जिम्मेदारी दी गई।
- राजेश अग्रवाल (Rajesh Agrawal) को पर्यटन (Tourism), संस्कृति (Culture), धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व (Religious Trust & Endowments) विभाग सौंपा गया।
कार्यक्रम में शामिल रहे ये नेता
शपथ ग्रहण समारोह में वरिष्ठ विधायक अमर अग्रवाल (Amar Agrawal) और राजेश मूणत (Rajesh Munat) पहुंचे थे। उनकी मौजूदगी ने माहौल को संतुलित बनाए रखा, हालांकि अनुपस्थित वरिष्ठ नेताओं को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
राजनीतिक हलकों में अटकलें
वरिष्ठ विधायकों की गैरहाजिरी से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी के भीतर कुछ नाराजगी का माहौल है। हालांकि, भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह केवल कार्यक्रम की व्यस्तताओं और पूर्व नियोजित दौरों के कारण हुआ। आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार के राजनीतिक असर देखने को मिल सकते हैं।
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