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हनुमान जयंती पर विशेष: बिलासपुर के पास रतनपुर में है हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां होती है स्त्री रूप में पूजा

CG Female Hanuman Temple: हनुमान जयंती पर विशेष, बिलासपुर के पास रतनपुर में है हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां होती है स्त्री रूप में पूजा

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Harsh Verma
CG Female Hanuman Temple

हाइलाइट्स

  • आज देशभर में मनाई जा रही हनुमान जयंती
  • भजन-कीर्तन, भंडारे और सुंदरकांड पाठ का हो रहा आयोजन 
  • रतनपुर में नारी स्वरुप में की जाती है हनुमान जी की पूजा
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CG Female Hanuman Temple: देशभर में 12 अप्रैल को श्रद्धा और आस्था के साथ हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनाई जा रही है। इस खास मौके पर मंदिरों में भजन-कीर्तन, भंडारे और सुंदरकांड पाठ का आयोजन हो रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से करीब 25 किलोमीटर दूर रतनपुर (Ratanpur) में स्थित एक मंदिर ऐसा भी है, जहां हनुमान जी (Lord Hanuman) की पूजा नारी स्वरुप (Female Form) में की जाती है।

यह मंदिर रतनपुर की धार्मिक नगरी गिरजाबंध (Girjabandh) में स्थित है और इसे दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है, जहां भक्त स्त्री रूपी हनुमान (Female Form of Hanuman) की आराधना करते हैं। यहां भक्त बड़ी संख्या में मन्नतें लेकर आते हैं और मानते हैं कि यहां पूजा करने से हर इच्छा पूरी होती है।

Ardhanareshwar form of Hanuman in bilaspur

राजा पृथ्वी देवजू और मंदिर की स्थापना की कथा

मंदिर की स्थापना राजा पृथ्वी देवजू (Raja Prithvi Devju) ने की थी, जिन्हें कुष्ठ रोग हो गया था। जब कोई इलाज काम नहीं आया तो उन्होंने ज्योतिषी की सलाह पर हनुमान जी की कठिन तपस्या शुरू की। भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने राजा को स्वप्न में दर्शन दिए और एक मंदिर बनवाने तथा सरोवर खुदवाने को कहा।

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भारत के हिंदू मंदिर: गिरजाबंध हनुमान मंदिर, रतनपुर, छत्तीसगढ़

राजा ने गिरजाबंध में मंदिर बनवाया और सरोवर भी खुदवाया। वहां स्नान करने से उनका रोग ठीक हो गया। इसके बाद उन्हें फिर स्वप्न आया कि सरोवर में एक विशेष प्रतिमा दबी हुई है। जब खोज की गई तो वहां हनुमान जी की एक अनोखी प्रतिमा मिली जो नारी स्वरूप में थी। इस प्रतिमा को मंदिर में स्थापित कर दिया गया।

प्रतिमा की विशेषताएं

छत्तीसगढ़ में रतनपुर के मंदिर में नारी रूप में पूजे जाते हैं हनुमान जी

इस दुर्लभ प्रतिमा का मुख दक्षिण दिशा की ओर है। मूर्ति में हनुमान जी को रावण के पुत्र अहिरावण (Ahiravan) का वध करते हुए दिखाया गया है। बाएं पैर के नीचे अहिरावण और दाएं पैर के नीचे एक कसाई की आकृति बनी है। कंधों पर राम (Lord Ram) और लक्ष्मण (Lakshman) विराजमान हैं। उनके हाथों में माला और लड्डुओं से भरी थाली भी है। यह सब मिलकर मूर्ति को अद्वितीय बनाते हैं।

हनुमान जी की यह स्त्री स्वरूप वाली प्रतिमा श्रद्धालुओं के बीच आस्था का केंद्र है। हनुमान जयंती के मौके पर इस मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है और दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।

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