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बिलासपुर में हाइवा से कुचलकर 13 गायों की मौत: हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर की सख्त टिप्पणी, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

Chhattisgarh High Court: बिलासपुर में हाइवा से कुचलकर 13 गायों की मौत, हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर की सख्त टिप्पणी, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

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Harsh Verma
Chhattisgarh High Court

Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रतनपुर-केंदा रोड (Ratanpur-Kenda Road) पर बीते 14 जुलाई की रात एक तेज रफ्तार हाईवा (High-speed Hyva Truck) ने 13 गायों (Cattle) को कुचल दिया। यह दर्दनाक हादसा बारीडीह गांव (Baridih Village) के पास हुआ। इस मामले ने न केवल जनता को झकझोर दिया बल्कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भी स्वतः संज्ञान लेते हुए सख्त टिप्पणी की है।

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हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार

15 जुलाई को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा (Chief Justice Ramesh Kumar Sinha) की डिवीजन बेंच ने इस हादसे पर स्पेशल सुनवाई करते हुए कहा कि पूर्व में भी इस तरह के मामलों पर जवाबदेही तय की गई थी, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं। हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव (Chief Secretary) और एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर (NHAI Project Manager) को शपथ पत्र देने के निर्देश दिए हैं।

हाईकोर्ट में पहले से चल रही जनहित याचिका (Public Interest Litigation) में शासन को समय-समय पर निर्देश दिए गए कि राज्यभर में सड़कों पर घूमते मवेशियों के लिए कार्य योजना बनाई जाए। लेकिन दस साल में कोई ठोस व्यवस्था नहीं बन पाई।

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प्रशासन ने बनाया मवेशी हटाओ अभियान

हादसे के बाद जिला प्रशासन ने रात 7 बजे से 12 बजे तक विशेष टीम बनाकर मवेशियों को सड़कों से हटाने का निर्देश दिया है। इसके लिए पंचायत सचिवों की टीम बनाई गई है और गायों के गले में रेडियम (Radium) लगाने की बात भी कही गई है, ताकि रात में वाहन चालक उन्हें देख सकें।

शासन ने मांगा जवाब देने के लिए समय

हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता (Advocate General) से पूछा कि "गायों के मालिकों पर FIR हुई है या नहीं?" इस पर बताया गया कि दोषियों पर कार्रवाई की जा रही है और ट्रैफिक एसओपी (Traffic SOP) को लागू किया जाएगा। शासन ने कोर्ट से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा जिसे स्वीकार कर लिया गया। अगली सुनवाई 30 जुलाई को तय की गई है।

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