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छत्तीसगढ़ भारतमाला मुआवजा घोटाला: 150 संदिग्ध और 130 बैंक खातों का खुलासा, एसीबी-ईओडब्ल्यू की जांच तेज

CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ भारतमाला मुआवजा घोटाला, 150 संदिग्ध और 130 बैंक खातों का खुलासा, एसीबी-ईओडब्ल्यू की जांच तेज

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Harsh Verma
भारतमाला परियोजना में 600 करोड़ का मुआवजा घोटाला: आरोपी निलंबित SDM, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और 3 पटवारी फरार

CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भारतमाला सड़क परियोजना (Bharatmala Road Project) के अंतर्गत हुए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे में बड़ा घोटाला सामने आया है।

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राज्य की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध अन्वेषण संगठन (EOW) की संयुक्त जांच में खुलासा हुआ है कि इस मामले में अब तक 150 संदिग्ध लोगों की पहचान हुई है। साथ ही, 130 बैंक खातों (Bank Accounts) के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन की आशंका जताई जा रही है।

महासमुंद और अभनपुर इलाके सबसे ज्यादा संदिग्ध

जांच एजेंसियों को इन बैंक खातों का बड़ा जाल महासमुंद (Mahasamund) और अभनपुर (Abhanpur) क्षेत्र में मिला है। बताया जा रहा है कि केवल महासमुंद स्थित ICICI बैंक में ही ऐसे 130 खाते मिले हैं जिनमें संदिग्ध लेन-देन हुए हैं। फिलहाल इन खातों में कितनी राशि ट्रांसफर हुई, इसकी गहन जांच जारी है।

दर्जनभर ठिकानों पर छापे, कई गिरफ्तारियां

पिछले एक महीने में एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने दर्जनभर से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। इन कार्रवाइयों में केदार तिवारी (Kedar Tiwari), उनकी पत्नी उमा तिवारी (Uma Tiwari), व्यवसायी हरमीत सिंह खनूजा (Harmeet Singh Khanuja) और विजय जैन (Vijay Jain) को गिरफ्तार किया गया है। ये सभी इस वक्त न्यायिक रिमांड (Judicial Remand) पर जेल में हैं।

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किसानों के नाम पर आया मुआवजा, पहुंचा दलालों के खाते में

एसीबी की जांच में सामने आया है कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत जिन दो दर्जन किसानों को मुआवजा राशि दी गई थी, वह राशि बाद में सीधे हरमीत सिंह खनूजा के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी गई। इस लेन-देन की प्रक्रिया पूरी तरह से अवैध मानी जा रही है।

भारतमाला परियोजना और मुआवजा की प्रक्रिया

भारतमाला प्रोजेक्ट केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत रायपुर (Raipur) से विशाखापट्टनम (Visakhapatnam) तक 950 किलोमीटर की सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में कई किसानों की ज़मीन अधिग्रहीत की गई है। लेकिन भूमि अधिग्रहण कानून 2013 (Land Acquisition Act 2013) के अनुसार किसानों को बाजार दर के साथ-साथ सोलेशियम के रूप में दोगुना मुआवजा मिलना चाहिए।

इस प्रक्रिया में मुआवजा की रकम में हेरफेर कर करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। कई किसानों को अब तक उनकी जमीन की कीमत तक नहीं मिली, वहीं दलाल और भ्रष्ट अफसर भारी रकम हड़प गए।

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