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Bastar Ration Scam: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) जिले में गरीबों के हक का अनाज ही गायब हो गया। सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस (Public Distribution System) की 84 सरकारी दुकानों से मिलने वाला चावल अचानक नदारद पाया गया। विभागीय जांच में सामने आया कि करीब 6565 क्विंटल चावल का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। इसकी बाजार कीमत लगभग 3 करोड़ 55 लाख रुपये बताई जा रही है।
खाद्य विभाग की जांच में घोटाला पकड़ा गया
खाद्य विभाग (Food Department) की रूटीन जांच के दौरान इस अनियमितता का खुलासा हुआ। विभाग ने तत्काल सभी दुकानों के संचालकों को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा गया है। बताया जा रहा है कि कुछ दुकानों से वसूली की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अचानक हुए इस खुलासे के बाद राशन दुकानों के संचालकों में हड़कंप मच गया है।
ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
स्थानीय ग्रामीणों ने इस घोटाले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि गरीबों और पात्र लोगों के लिए भेजा गया चावल अक्सर अपात्र लोगों तक पहुंच जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पहले भी ऐसे मामले सामने आए, लेकिन कार्रवाई आधी-अधूरी रह गई। इस बार दोषियों पर सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ी न हो।
अधिकारी बोले- जांच जारी है
जिला खाद्य अधिकारी (District Food Officer) घनश्याम राठौर ने कहा कि भौतिक सत्यापन (Physical Verification) के दौरान ही यह गड़बड़ी पकड़ी गई है। इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट संबंधित एसडीएम (Sub Divisional Magistrate) को सौंप दी गई है। अब विस्तृत जांच के आधार पर दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आखिर कहां गया गरीबों का चावल?
3.55 करोड़ रुपये मूल्य का 6565 क्विंटल चावल आखिर कहां गया, यह सबसे बड़ा सवाल है। विभागीय जांच और सरकारी कार्रवाई पर अब सभी की नजरें टिकी हुई हैं। अगर इस बार दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है तो यह आने वाले समय में राशन घोटाले पर लगाम लगाने का काम कर सकती है।
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