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Bastar Flood: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर संभाग (Bastar Division) में पिछले 12 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगदलपुर (Jagdalpur), सुकमा (Sukma), दंतेवाड़ा (Dantewada) और बीजापुर (Bijapur) जिलों में नदी-नाले (Rivers and Streams) उफान पर हैं। तेज बहाव के कारण गांवों में पानी घुस गया है और कई सड़कें पूरी तरह डूब चुकी हैं।
कई गांवों में नदी-नाले उफान पर हैं और पानी घरों के अंदर घुस गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित लोहंडीगुड़ा (Lohandiguda) ब्लॉक का मांदर गांव (Mandar Village) है, जो पूरी तरह बाढ़ (Flood) की चपेट में आ चुका है। यहां हालात इतने खराब हो गए कि लोगों को हेलिकॉप्टर (Helicopter) से एयरलिफ्ट करना पड़ा।
हेलिकॉप्टर से लोगों की जान बचाई गई
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गांव में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हेलिकॉप्टर की मदद ली।[/caption]
लगातार बढ़ते पानी के बीच प्रशासन ने गांव में फंसे लोगों की जान बचाने के लिए हेलिकॉप्टर (Helicopter) की मदद ली। मांदर गांव (Mandar Village) से पांच लोगों को एयरलिफ्ट कर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया। वहीं करीब 85 परिवारों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों पर जाना पड़ा। लोग अपने जरूरी सामान तक नहीं ले जा पाए और अचानक बाढ़ ने उनकी जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया।
SDRF और प्रशासन की सक्रियता
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टीम ने करीब 15 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया।[/caption]
बाढ़ राहत कार्य में राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) ने भी मोर्चा संभाला। टीम ने करीब 15 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों तक पहुंचाया। जिला प्रशासन (District Administration) ने बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय (Temporary Shelter) और भोजन की व्यवस्था की है। शिविरों में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष देखभाल की जा रही है ताकि कोई भी भूखा या असहाय न रहे।
बारिश से सड़क बह गई
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बारिश का असर सिर्फ गांवों पर ही नहीं बल्कि सड़कों पर भी दिख रहा है।[/caption]
लगातार बारिश का असर सिर्फ गांवों पर ही नहीं बल्कि सड़कों (Roads) पर भी दिख रहा है। जगदलपुर-तोखापाल (Jagdalpur-Tokhapal) ब्लॉक के रायकोट (Raikot) इलाके में तेज बारिश के कारण सड़क बह गई। राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) से रैक लोडिंग प्वाइंट तक जाने वाला मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। इससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। भूस्खलन (Landslide) से बचाव के लिए बनाई गई रिटर्निंग वॉल (Returning Wall) भी ढह गई है।
प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
बाढ़ जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष (Flood Control Room) सक्रिय किया है। प्रशासन ने मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर 07856-252412 जारी किया है, जिस पर प्रभावित लोग तुरंत संपर्क कर सकते हैं।
नेशनल हाइवे-30 पर यातायात ठप
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कई जगहों पर यातायात पूरी तरह बाधित[/caption]
लगातार बारिश के चलते नेशनल हाइवे-30 (National Highway-30) पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। केशलूर (Keshlur) के पास सड़क पर 2 से 3 फीट तक पानी बह रहा है, जिससे सैकड़ों वाहन फंस गए हैं। कई यात्री सड़क किनारे फंसे हुए हैं और पुलिस प्रशासन उन्हें सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहा है।
सुकमा और बीजापुर में गाड़ियां बही
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गांवों में घुस गया नदियों का पानी[/caption]
सुकमा जिले (Sukma District) में झीरम नाले (Jhiram Stream) का जलस्तर अचानक बढ़ने से एक कार बह गई। हालांकि, वहां मौजूद ग्रामीणों की सूझबूझ से कार में सवार चार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। वहीं बीजापुर (Bijapur) में एक पिकअप वाहन बाढ़ (Flood) में फंस गया, लेकिन समय रहते सभी यात्रियों को सुरक्षित बचा लिया गया।
इंद्रावती, शंखनी और डंकनी नदियों का बढ़ा जलस्तर
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नदियों के किनारे बसे कई गांव टापू की तरह बन गए हैं।[/caption]
बस्तर (Bastar) क्षेत्र की प्रमुख नदियां इंद्रावती (Indravati River), शंखनी (Shankhni River) और डंकनी (Dankni River) खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं। नदियों के किनारे बसे कई गांव टापू (Island) की तरह बन गए हैं। ग्रामीण अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर जा रहे हैं।
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