Advertisment

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ पेश हुआ चालान, 22 पर जल्द गिर सकती है निलंबन की गाज!

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला, 29 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ पेश हुआ चालान, 22 पर जल्द गिर सकती है निलंबन की गाज!

author-image
Harsh Verma
Jharkhand Liquor Scam

Jharkhand Liquor Scam

CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों से जुड़े 2174 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (Economic Offences Wing - EOW) ने बड़ा कदम उठाया है। EOW ने इस मामले में 29 आबकारी अधिकारियों (Excise Officers) के खिलाफ करीब 2300 पन्नों का चालान (Charge Sheet) रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

Advertisment

हालांकि EOW की ओर से समन जारी होने के बावजूद किसी भी आरोपी ने कोर्ट में हाजिरी नहीं दी। अब कोर्ट ने सभी को 20 अगस्त तक पेश होने का नोटिस जारी किया है।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के मैनपाट में भगवान बुद्ध की नई प्रतिमा: सीएम साय ने किया अनावरण, तिब्बती समुदाय का जताया आभार

बी-पार्ट शराब से हुआ था हजारों करोड़ का खेल

इस घोटाले को बी-पार्ट शराब घोटाला (B-Part Liquor Scam) कहा जाता है। इसमें 2019 से 2023 के बीच 15 बड़े जिलों में बिना ड्यूटी चुकाई देसी शराब (Desi Liquor) को सरकारी दुकानों में बेचा गया। शराब की अवैध खपत बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर बाकी बड़े जिलों में कराई गई।

Advertisment

इसमें डिस्टलरी से लेकर ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, सुपरवाइजर और आबकारी विभाग के अफसर शामिल थे। अवैध शराब से करोड़ों रुपये सीधे सिंडीकेट तक पहुंचाए जाते थे।

22 अधिकारियों पर निलंबन की तलवार, कुछ हुए रिटायर

EOW की जांच के बाद राज्य सरकार 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित (Suspended) करने की तैयारी कर रही है। इसमें जनार्दन कौरव, अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद पाटले, प्रमोद नेताम, रामकृष्ण मिश्रा जैसे बड़े नाम शामिल हैं।

वहीं कुछ अधिकारी जैसे ए.के. सिंह, जे.आर. मंडावी, जी.एस. नुरूटी, देवलाल वैष पहले ही रिटायर हो चुके हैं, इसलिए उन्हें सस्पेंड नहीं किया जाएगा।

Advertisment

घोटाले में अब तक 13 गिरफ्तारियां, पूर्व मंत्री पर भी आरोप

शराब घोटाले की जांच में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा जैसे बड़े नाम शामिल हो चुके हैं। EOW के मुताबिक पूर्व मंत्री कवासी लखमा को इस घोटाले से करीब 64 करोड़ रुपये का फायदा हुआ।

अब तक इस केस में कुल 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है, जिनमें से 13 आरोपी सलाखों के पीछे हैं। जांच एजेंसियां अब विदेशी शराब (Foreign Liquor) और मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एंगल से भी जांच कर रही हैं।

जांच जारी, सिंडीकेट की परतें खुल रहीं

EOW और भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो (ACB) ने बताया कि यह घोटाला 2174 करोड़ रुपये से बढ़कर अब करीब 3200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। 60 लाख से ज्यादा पेटी बी-पार्ट शराब बेची गई।

Advertisment

अब एजेंसियां इस बात की तह में जा रही हैं कि अवैध कमाई किस तरह सफेद की गई और इसमें कौन-कौन शामिल थे।

यह भी पढ़ें: डोंगरगढ़ के स्कूल में टीचर ने छात्र को जड़ा थप्पड़: 13 साल के सार्थक की सुनने की ताकत छिनी, परिवार सड़क पर उतरा

Advertisment
WhatsApp Icon चैनल से जुड़ें