Chhattisgarh IAS Officers: हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के बाद अब महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है। ऐसा माना जा रहा है कि चुनाव आयोग अगले 7 दिनों में इन दोनों राज्यों के लिए चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा कर सकता है।
चुनाव प्रक्रिया को सुचारू और बेहतर ढंग से संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ के 21 आईएएस अधिकारियों (Chhattisgarh IAS Officers) को तैनाती के लिए बुलावा भेजा है, जिनमें 6 महिला आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं। इस कदम से चुनाव संचालन में प्रशासनिक क्षमता को और मजबूती मिलेगी।
इस दिन करना होगा रिपोर्ट
चुनाव आयोग ने चुनाव ड्यूटी के लिए छत्तीसगढ़ के 21 आईएएस अधिकारियों की सूची राज्य सरकार को भेज दी है। इन अधिकारियों को 16 अक्टूबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस भवन में सभी ऑफिसर्स को चुनाव प्रक्रिया से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ ही इसी समय चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव की घोषणा भी किए जाने की संभावना है। इस तैयारी के साथ चुनाव आयोग चुनाव प्रक्रिया को सुचारू और प्रभावी ढंग से संपन्न कराने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
अफसरों को नहीं बताया कहां होगी तैनाती
चुनाव ड्यूटी के लिए चयनित 21 छत्तीसगढ़ के आईएएस अधिकारियों को अभी तक यह जानकारी नहीं दी गई है कि उन्हें महाराष्ट्र में तैनात किया जाएगा या झारखंड में। यह स्पष्ट किया जा रहा है कि 16 अक्टूबर को विज्ञान भवन में होने वाली ट्रेनिंग के दौरान ही अधिकारियों को बताया जाएगा कि किसे किस राज्य में चुनावी मोर्चा संभालना है। ट्रेनिंग के बाद ही उनकी अंतिम तैनाती का फैसला किया जाएगा।
इन अफसरों को भेजा बुलावा
चुनाव आयोग की तरफ से जिन 21 आईएएस अधिकारियों को चुनाव ड्यूटी के लिए बुलावा भेजा गया है।
आर. प्रसन्ना
भुवनेश यादव
सीआर प्रसन्ना
जनक प्रकाश पाठक
शम्मी आबिदी
शिखा राजपूत तिवारी
केडी कुंजाम
किरण कौशल
पीएस एल्मा
सारांश मित्तर
जितेंद्र कुमार शुक्ला
अभिजीत सिंह
दिव्या उमेश मिश्रा
इफ्फत आरा
पुष्पा साहू
रितेश कुमार अग्रवाल
तारण प्रकाश सिन्हा
जगदीश सोनकर
राजेंद्र कुमार
कुलदीप शर्मा
कुंदन कुमार
दो आईपीएस को भी बुलावा
चुनाव आयोग ने केवल आईएएस अधिकारियों को ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के दो आईपीएस अधिकारियों को भी झारखंड और महाराष्ट्र में चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया है। इन आईपीएस अधिकारियों में प्रशांत कुमार ठाकुर और भोजराम पटेल शामिल हैं। यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया को बेहतर तरीके से संचालित करने के लिए लिया गया है।
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