रायपुर। साल 2022 बीतने वाले है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में कुछ बड़ी खबरें, जिन्होंने ज्यादा सुर्खियां बंटोरीं। बता दें कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022 में प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में एक प्रभावशाली नौकरशाह की गिरफ्तारी, हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध और आदिवासी आरक्षण के लिए मचा घमासान सुर्खियों में रहा। इस वर्ष सत्ताधारी दल को उपचुनावों में जीत भी हासिल हुई। इसके अलावा इस वर्ष राज्य के असंतुष्ट मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक विभाग से त्यागपत्र देकर सबको चौंकाया। वहीं जांजगीर—चांपा जिले में 80 फुट गहरे बोरवेल में फंसे 11 वर्षीय बालक को 104 घंटे चले अभियान के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया। राज्य में गोबर खरीद कर सुर्खियों में आई भूपेश बघेल सरकार ने इस वर्ष गौपालकों से गौमूत्र खरीद और भूमिहीन मजदूरों के लिए वित्तीय सहायता की शुरुआत की। नक्सल प्रभावित इस राज्य में इस वर्ष कोई भी बड़ी नक्सली घटना नहीं हुई।
यह रहीं प्रमुख खबरें
– राज्य के अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षा बल नए शिविर स्थापित करने में कामयाब रहे।
– परसा खदान (सरगुजा और सूरजपुर जिले) में वन भूमि के गैर-वानिकी उपयोग की अनुमति का आदिवासियों समेत स्थानीय ग्रामीणों ने विरोध किया।
– वर्ष के आखिरी महीनों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कोयला लेवी घोटाले के सिलसिले में लगातार कार्रवाई कर राज्य सरकार को मुश्किल में डाल दिया।
– उच्च न्यायालय के इस फैसले के बाद राज्य में आदिवासियों का कोटा 32 फीसदी से घट कर 20 फीसदी हो गया, जिससे नाराज आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
– राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया तथा दिसंबर में विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आयोजित कर आरक्षण से संबंधित संशोधन विधेयकों को पारित किया। राज्य में अब आरक्षण का कोटा 76 प्रतिशत हो गया है।
– इधर आरक्षण विधेयकों की मंजूरी को लेकर राजभवन और सरकार के बीच दूरियां बढ़ गईं।
– राज्य में इस वर्ष मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच कथित अनबन एक बार फिर सामने आई, जब सिंहदेव ने जुलाई में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया। हालांकि चार अन्य विभाग अभी भी सिंहदेव के पास हैं। मंत्री सिंहदेव ने हाल ही में कहा था कि वह अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे।
– राज्य में इस वर्ष रिजॉर्ट पॉलिटिक्स भी खबरों में रही। अगस्त में झारखंड के संप्रग विधायकों को भाजपा की कथित अवैध खरीद फरोख्त से बचाने के लिए रायपुर के एक रिजॉर्ट में ठहराया गया।
– इस वर्ष दो विधानसभा क्षेत्रों खैरागढ़ में अप्रैल में और भानुप्रतापपुर में दिसंबर में उपचुनाव हुए और दोनों में सत्ताधारी दल कांग्रेस को विजय मिली। राज्य में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने लगातार पांच उपचुनावों में जीत हासिल की है।
– साल की शुरुआत में कोविड महामारी की वजह से रात में कर्फ्यू समेत कई पाबंदियां लगाई गईं। बाद में संक्रमण के मामलों में कमी आ गई।
– राज्य में वर्ष 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने संगठन में बदलाव करते हुए राजस्थान से ओम माथुर को डी पुरंदेश्वरी की जगह राज्य इकाई का नया प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं पार्टी के सांसद अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। भाजपा ने धरमलाल कौशिक की जगह वरिष्ठ विधायक नारायण चंदेल को विपक्ष का नेता बनाया है।
– राज्य में इस वर्ष मई में रायपुर विमानतल पर अगस्ता वेस्टलैंड का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे दो पायलटों की मौत हो गई थी।