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हाइलाइट्स
PWD की 9 करोड़ की जमीन बिकी 84 लाख में
तीन अफसर सस्पेंड, जांच में फर्जीवाड़ा उजागर
धीरेंद्र शास्त्री के यात्रा प्रभारी पर भी सवाल
Chhatarpur PWD Scam: छतरपुर में लोक निर्माण विभाग (PWD) की जमीन बेचने के मामले में बड़ा घोटाला सामने आया है। विभाग की करीब 9 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन को महज 84 लाख में बेच दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने कार्रवाई करते हुए तीन अफसरों को निलंबित कर दिया है। जांच में यह भी सामने आया है कि जमीन खरीदने वालों में एक व्यक्ति बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र शास्त्री के यात्रा प्रभारी बताए जा रहे हैं।
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रजिस्ट्री की फोटो।[/caption]
तीन अधिकारी सस्पेंड, जांच के दायरे में कई और नाम
सागर संभाग के चीफ इंजीनियर ने छतरपुर जिले में पदस्थ प्रभारी एसडीओ कमलेश मिश्रा, सहायक ग्रेड-3 विजय कुमार खरे और कर्मचारी राजाराम कुशवाहा को निलंबित कर दिया है। विभाग का कहना है कि इन अधिकारियों ने हाईकोर्ट के आदेश को नजरअंदाज किया, जिसकी वजह से विभाग की कीमती जमीन निजी लोगों को बेच दी गई।
निलंबन के बाद कमलेश मिश्रा का मुख्यालय पन्ना और विजय कुमार खरे का मुख्यालय नौगांव कार्यालय तय किया गया है। दोनों को नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता (subsistence allowance) दिया जाएगा। वहीं राजाराम कुशवाहा पर भी विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए हैं, क्योंकि उन्होंने कोर्ट के आदेश के बाद आगे की कार्रवाई का प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं भेजा था।
अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भोपाल भेजा गया
इस पूरे मामले में तत्कालीन इंचार्ज एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आरएस शुक्ला (31 अगस्त 2025 को सेवानिवृत्त) के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। सागर संभाग के चीफ इंजीनियर ने शुक्ला और मिश्रा दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव भोपाल मुख्यालय भेजा है।
4000 वर्ग फीट की सरकारी जमीन सिर्फ 84 लाख में बिकी
छतरपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में शक्ति मेडिकल स्टोर के पास स्थित पीडब्ल्यूडी की यह जमीन सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज थी। इसका क्षेत्रफल लगभग 4000 वर्ग फीट है और बाजार मूल्य करीब 9 करोड़ रुपए बताया जा रहा है। इसके बावजूद यह जमीन जून 2024 में महज 84 लाख 54 हजार रुपए में धीरेंद्र गौर और दुर्गेश पटेल के नाम रजिस्ट्री कर दी गई।
जांच में सामने आया कि यह रजिस्ट्री फर्जी दस्तावेजों और गलत कोर्ट डिक्री के आधार पर की गई। बताया जा रहा है कि धीरेंद्र गौर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के दिल्ली से वृंदावन यात्रा प्रभारी हैं।
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रजिस्ट्री में दर्ज विक्रेता।[/caption]
प्रशासन ने कसा शिकंजा
मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने तत्काल जांच के आदेश दिए। पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री आशीष भारती को जांच अधिकारी बनाया गया है। इसके अलावा जमीन रजिस्ट्री करने वाले रजिस्ट्री लेखक रघुनंदन पाठक का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है।
एडीएम मिलिंद नागदेवे ने बताया कि रजिस्ट्री प्रक्रिया में नियमों का पालन नहीं हुआ और नगर पालिका के रजिस्टर में ओवरराइटिंग भी पाई गई है। इसलिए नगर पालिका को भी नोटिस जारी किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि विभागीय लापरवाही और फर्जी दस्तावेजों के जरिये हुई इस बिक्री की जिम्मेदारी तय कर आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी।
MP Old Vehicle Scrapping: स्क्रैप वाहन का सर्टिफिकेट दिखाएं और अपने नाम पर नई गाड़ी के साथ टैक्स में पाएं 50% तक की छूट
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