(रिपोर्ट- राजू दुबे), Chhatarpur News: बकस्वाहा जनपद हमेशा से ही भ्रष्टाचार को लेकर सुर्खियों में रही है। फिर चाहे अधिकारियों के रिश्वत मांगने का या कर्मचारियों द्वारा हितग्राहियों के पैसे डकारने का मामला हो। राज्य में बकस्वाहा पहली जनपद होगी। जहां पंचायतों के ठेकेदार जनपद के ही कर्मचारी है।
जनपद में चल रहा घोटाले का खेल
बकस्वाहा जनपद की कुछ ग्राम पंचायतों को यहां के कर्मचारी चलाते है। वहीं निर्माण कार्य करते है और वही पैसे निकालते है। सरपंच सचिव सिर्फ कठपुतली बने रहते है। इस खेल में जनपद के इंजीनियर, सचिव, रोजगार सहायक, सब शामिल है।
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सरकारी योजनाओं का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
शासन द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं बकस्वाहा जनपद पंचायत में हितग्राहियों तक नहीं पहुंच रही है। वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान बकस्वाहा जनपद पंचायत पर बहुत कम देखने को मिलता है। यहां पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी बेखौफ गरीब किसानों को योजनाओं के नाम पर ठगने का काम कर रहे है।
अधिकारी-कर्मचारी गटक रहे हितग्राहियों का पैसा
वहीं, ताजा मामला ग्राम पंचायत गड़ीसेमरा से सामने आया है, जहां कपिल धारा योजना के कुएं का निर्माण कर संबंधित निर्माण एजेंसी ने रकम डकार ली। वही हितग्राही अपनी भूमि में कुएं के निर्माण कराने को लेकर जनपद पंचायत कार्यालय के चक्कर काट रहा है।
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ग्राम सुनहरा निवासी भूपत लोधी पिता गुलझार सिंह लोधी ने बकस्वाहा मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर के नाम तहसीलदार भरत पाण्डे को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कार्य एजेंसी द्वारा मनमाने तरीके से बिलों के भुगतान की बात कही।
वहीं, प्रकरण की जांच कराने,फर्जी बिलों के भुगतान पर रोक लगाने और अवैध भुगतान निरस्त करने साथ ही दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की। हितग्राही ने तहसीलदार भरत पांडे से भी शिकायत है।