chandrayaan-3: एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर और चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल विक्रम के बीच संचार स्थापित हो गया है। अब बेंगलुरु में इसरो के निगरानी और नियंत्रण नेटवर्क के पास अब लैंडर विक्रम के साथ संचार का एक अतिरिक्त चैनल उपलब्ध है।
23 अगस्त चांद पर लैंड कराने की योजना
लैंडर विक्रम 23 अगस्त को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरेगा। इसरो ने ट्वीट में कहा है कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने औपचारिक रूप से चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल का स्वागत किया।
चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर 2019 में हुआ प्रक्षेपित
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर को जुलाई 2019 में अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था। यह अब भी चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगा रहा है। इसरो ने कहा है कि लैंडिंग प्रक्रिया का सीधा प्रसारण 23 अगस्त को शाम पांच बजकर बीस मिनट पर दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा।
14 जुलाई चंद्रयान-3 की हुई थी लॉन्चिंग
इसरो ने 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की थी इसने पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल और प्रणोदन मॉड्यूल मिशन की शुरुआत होने के 35 दिन बाद बृहस्पतिवार को सफलतापूर्वक अलग हो गए थे इसरो ने चंद्रमा के कई तस्वीरें भी जारी की हैं।
ISRO के डायरेक्टर नीलेश एम.देसाई का बयान
ISRO के डायरेक्टर नीलेश एम.देसाई का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि चंद्रयान के चांद पर उतरने से 2 घंटे पहले बैठक होगी। बैठक में हम लैंडर और चांद की स्थिति का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद लैंडर के चांद पर लैंड कराने पर फैसला किया जाएगा। अगर हमें लगेगा की चांद की स्थिति उतरने को ठीक नहींतो हम इसे 27 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा देंगे। हमारी पहली कोशिश 23 अगस्त को लैंड कराने की है।
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