एक और लक्ष्य हासिल
दरअसल, अंतरिक्ष यान ने एक और लक्ष्य हासिल कर लिया है. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 आज शाम चंद्रमा की कक्षा (Lunar Orbit) में प्रवेश कर गया. इसका मतलब यह है कि ये चंद्रमा की गोलाकार कक्षा में चला गया है और पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह के चारों ओर चक्कर लगाना शुरू करेगा.
Chandrayaan-3 Mission:
“MOX, ISTRAC, this is Chandrayaan-3. I am feeling lunar gravity 🌖”
🙂Chandrayaan-3 has been successfully inserted into the lunar orbit.
A retro-burning at the Perilune was commanded from the Mission Operations Complex (MOX), ISTRAC, Bengaluru.
The next… pic.twitter.com/6T5acwiEGb
— ISRO (@isro) August 5, 2023
चंद्रयान-3 चंद्रमा की दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है और अब मिशन एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर गया, जोकि इस पर लगातार काम कर रहे वैज्ञानिकों के दिलों धड़कनें बढ़ा रहा है. वहीं, अपने तय समय के मुताबिक सबकुछ सकुशल हो रहा है.
बेंगलुरु में इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) ने लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन का प्रदर्शन किया है, जिसका अर्थ ये है कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया.
प्रोपल्शन मॉड्यूल करेगा धरती से आने वाले रेडिएशन का अध्ययन
इससे पहले स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की 5 परिक्रमा पूरी करते हुए आगे बढ़ा. चंद्रयान-3 मिशन में लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल हैं, जोकि 16 अगस्त तक चंद्रमा के चक्कर लगाएंगे. इसके बाद 17 अगस्त को लैंडर से प्रोपल्शन मॉड्यूल अगल हो जाएगा, जोकि चंद्रमा की कक्षा में मौजूद रहकर पृथ्वी से आने वाले रेडिएशन्स का जानकारी जुटाएगा. वहीं, लैंडर आगे बढ़ते हुए 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करेगा.
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