हाइलाइट्स
- 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण शुरू
- पूरे भारत में 3 घंटे से ज्यादा तक दिखेगा
- सबसे पहले तमिलनाडु में दिखा
Chandra Grahan 2025: भारत समेत दुनिया के कई हिस्सों में आज रात साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगना शुरू हो चुका है। समय बीतने के साथ ही चंद्रमा का रंग बदलकर लाल दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहते हैं। यह खगोलीय घटना रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू हुई, जो देर रा 1 बजकर 26 मिनट तक चलेगी। प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत दिल्ली, जयपुर, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ और कानपुर जैसे बड़े शहरों में यह यह ग्रहण रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू हुआ। मौसम अनुकूल रहा तो लोग बिना किसी उपकरण के खुली आंखों से चांद को लाल रंग में देख सकेंगे। यह साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण है।
#WATCH | Hyderabad, Telangana | The partial phase of the Total #LunarEclipse begins. pic.twitter.com/DaQc0yr9dU
— ANI (@ANI) September 7, 2025
चंद्र ग्रहण का समय और अवधि
आज रात का पूर्ण चंद्र ग्रहण रात 9:57 पर शुरू हुआ। खग्रास चंद्र ग्रहण (पूर्ण अवस्था) 11:01 बजे से प्रारंभ होकर 1:23 बजे तक चलेगा। ग्रहण का मध्यकाल रात 11:42 बजे रहेगा। पूरी प्रक्रिया रात 1:26 बजे समाप्त हो जाएगी।
#WATCH | Guwahati, Assam | The partial phase of the Total #LunarEclipse begins pic.twitter.com/Q5vCFfuZhR
— ANI (@ANI) September 7, 2025
ब्लड मून क्यों दिखता है
पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें सीधे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पातीं। इस समय पृथ्वी का वातावरण लाल किरणों को मोड़कर चंद्रमा तक पहुंचाता है, जिसके कारण चांद लाल रंग का नजर आता है। इसी को ब्लड मून कहा जाता है।
जानिए चंद्र ग्रहण के स्पर्श से लेकर मोक्ष काल तक का समय
- चंद्र ग्रहण की शुरुआत- आज रात 09 बजकर 57 मिनट पर
- खग्रास चंद्र ग्रहण- रात 11 बजकर 01 मिनट पर
- चंद्र ग्रहण का मध्यकाल- रात 11 बजकर 42 मिनट पर
- खग्रास चंद्र ग्रहण की समाप्ति- रात 01 बजकर 23 मिनट पर
- चंद्र ग्रहण का समापन- मध्यरात्रि 01 बजकर 26 मिनट पर
ग्रहण और गर्भवती महिलाओं से जुड़ा अंधविश्वास
मान्यता है कि ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला अगर बाहर निकलती है तो बच्चे पर दाग या निशान पड़ता है। लेकिन विज्ञान कहता है कि यह सिर्फ मिथक है। बच्चे की शारीरिक बनावट डीएनए और विकास प्रक्रिया से तय होती है, ग्रहण से नहीं।
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— ANI (@ANI) September 7, 2025
क्या खाना जहरीला हो जाता है?
अक्सर कहा जाता है कि ग्रहण के समय खाना बनाना या खाना जहरीला हो जाता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से ग्रहण का भोजन पर कोई असर नहीं पड़ता। पहले के समय फ्रिज और सामान को ठंडा रखने का साधन नहीं था, इसलिए लोग खाने को जल्दी खराब होने से बचाने के लिए precaution लेते थे। यही वजह है कि यह अंधविश्वास फैल गया।
क्या आंखों पर असर डालता है ग्रहण?
लोग मानते हैं कि ग्रहण देखने से आंखें खराब हो जाती हैं। दरअसल, यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) पर लागू होता है। बिना सुरक्षा चश्मे के सूर्य ग्रहण देखने से आंखों को नुकसान हो सकता है। लेकिन चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) पूरी तरह सुरक्षित है और इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान घर का पानी और पौधे दूषित हो जाते हैं। वैज्ञानिक रूप से इसका कोई प्रमाण नहीं है। ग्रहण का जल, पौधों या घरेलू वस्तुओं पर कोई असर नहीं पड़ता।
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— ANI (@ANI) September 7, 2025
पूजा-पाठ और स्नान से क्या बचना चाहिए?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल में पूजा-पाठ या स्नान से बचना चाहिए। हालांकि विज्ञान की दृष्टि से ग्रहण का इंसानी कर्मों या धार्मिक गतिविधियों से कोई लेना-देना नहीं है। कुछ लोग मानते हैं कि ग्रहण के दौरान भूकंप, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। लेकिन यह सिर्फ अंधविश्वास है। ग्रहण एक खगोलीय घटना है, जिसका प्राकृतिक आपदाओं से कोई सीधा संबंध नहीं होता।
#WATCH | Hyderabad, Telangana | The partial phase of the Total #LunarEclipse begins. pic.twitter.com/DaQc0yr9dU
— ANI (@ANI) September 7, 2025
सेहत पर ग्रहण का असर
अक्सर लोग कहते हैं कि ग्रहण के दौरान शरीर पर बुरा असर होता है। विज्ञान मानता है कि इसका कारण डर और मान्यता है, न कि ग्रहण। इसे placebo effect कहा जाता है। यानी जब व्यक्ति किसी चीज पर विश्वास करता है, तो सिर्फ उस विश्वास के कारण उसे असर महसूस होता है, भले ही असल में कोई बदलाव न हुआ हो।
चंद्रग्रहण लगता क्यों है?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह खगोलीय घटना केवल पूर्णिमा की रात को हो सकती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं। पृथ्वी की छाया दो भागों में होती है, गहरी छाया (umbra) और हल्की छाया (penumbra)। जब चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से पृथ्वी की गहरी छाया में प्रवेश करता है, तो चंद्रग्रहण होता है, जिसके कारण चंद्रमा का रंग लाल या गहरा हो सकता है।
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