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Chandra Grahan 2022 : ग्रहण का प्राकृतिक आपदाओं से क्या है संबंध, देखें धर्म शास्त्रों में कहां हैं वर्णित

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Preeti Dwivedi
Chandra Grahan 2022 : ग्रहण का प्राकृतिक आपदाओं से क्या है संबंध, देखें धर्म शास्त्रों में कहां हैं वर्णित

नई दिल्ली। Chandra Grahan 2022 धर्म शास्त्रों में ग्रहण का बड़ा महत्व है। साथ ही इनका प्राकृतिक आपदाओं से भी सीधा संबंध है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि हमारे धर्म शास्त्रों में वर्णित है। जी हां ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का दुनिया में मचने वाली उथल—पुथल और प्राकृतिक आपदाओं से सीधा संबंध है। ऐसे में यदि दो ग्रहण 15 दिन के अंदर ही आ जाएं तो इसकी संभावना और अधिक बढ़ जाती है। वो कैसे चलिए जानते हैं। साथ में ये भी जानेंगे कि सूर्य ग्रहण के दौरान कौन सी और चंद्र ग्रहण के दौरान कौन सी आपदा आने की आशंका बढ़ जाती है।

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15 दिन में आए दो ग्रहण तो क्या होता है —
ज्योतिषाचार्य पंडित के अनुसार यदि 15 दिन के अंदर ही सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक साथ आ जाएं तो इस कंडीशन में प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। सूर्य ग्रहण के आने के बाद धरती से जुड़ी आपदाएं आती हैं। तो वहीं जब चंद्र ग्रहण आता है तो इसके बाद समुद्री आपदाएं यानि पानी से संबंधित आपदाएं घेरती हैं। इसी का असर है 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के बाद एमपी के 6 जिलों के साथ—साथ सीजी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तो वहीं अब 5 दिन बाद यानि 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण है। ऐसे में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार संभावना बन सकती है कि समुद्री उथल—पुथल, तूफान आदि का असर दिखाई दे।

Lunar Eclipse या चंद्र ग्रहण क्या है?
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है। यह तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अन्य दो के बीच पृथ्वी के साथ बिल्कुल या बहुत निकटता से जुड़े हों, जो कि पूर्णिमा की रात को ही हो सकता है जब चंद्रमा किसी भी चंद्र नोड के पास होता है।

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क्या है चंद्र ग्रहण का समय —

सूतक सुबह — 8:9 मिनट
स्पर्श शाम — 5:9 मिनट
मध्य शाम — 5:12 मिनट
मोक्ष शाम — 6:19 मिनट

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कहां—कहां दिखेगा —
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार चंद्र ग्रहण पूरे उत्तरी, दक्षिणी भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया, मध्य भारत सहित पूरे देश में दिखाई देगा। इस दौरान गर्भवती म​हिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।

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क्‍या करें – Surya krahan me kya karna chahiye

ग्रहण के नकारात्मक असर से बचने के लिए भोजन.पानीए दूध और अन्य खाने के सामान में तुलसी की पत्ती डालें। ताकि ग्रहण के बाद उनका सेवन किया जा सके।
घर के मंदिर को ढंक दें। साथ ही इस दौरान मंदिरों के पट बंद रखें।
ग्रहण के दौरान ज्‍यादा से ज्‍यादा समय भगवान की आराधना में बिताएं।
ग्रहण के बाद स्‍नान करके दान जरूर करें। खासतौर पर सफाई कर्मचारियों को दान करना बहुत अच्‍छा माना जाता है।

ग्रहण के दौरान न करें यह काम – grahan me kya nahi karna chahiye

चूंकि ग्रहण के दौरान नकारात्‍मक ऊर्जा बढ़ जाती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहण के दौरान सुई में धागा डालने की मनाही की गई है।
सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन पकाने और खाने की मनाही है। साथ ही इस दौरान काटने—छीलने का काम भी न करें।
गर्भवती महिलाएं इस दौरान चाकू—कैंची या किसी भी धारदार चीज का इस्‍तेमाल न करें। न ही ये चीजें हाथ में लें।
ग्रहण काल के दौरान यात्रा करने से बचें।

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