नई दिल्ली। Chanakya Niti: अगर जीवन में नीतियां बनाने और जीवन जीने के तरीके की चर्चा हो तो आचार्य चाणक्य का नाम सबसे पहले आता है। इतना ही नहीं उनकी अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति का लोग अनुसरण करते हैं। चाणक्य की इन्हीं नीतियों और विचारों में से एक विचार में उन्होंने बुरा समय आने से पहले दिखने वाले संकेतों के बारे में भी अवगत कराया है। तो चलिए जानते हैं चाणक्य नीति के अनुसार वे कौन से संकेत हैं जो बुरा समय आने से पहले ( bura samay aane ke pahle ke sanket) आपको सचेत होने की सलाह देते हैं।
आचार्य चाणक्य के इन विचारों से व्यक्ति को आर्थिक संकट आने से पहले वाला होता है तो उसे संकेत मिल जाते हैं, इसलिए व्यक्ति को अपने आसपास घटने वाली कुछ घटनाओं पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है, जिससे बुरा वक्त आने का संकेत मिल जाएगा। तो आइए जानते हैं कौन-कौन से हैं वो संकेत जिनसे पता चले कि आपके जीवन में बुरा समय आने वाला है।
तुलसी का पौधे सूखना Chanakya Niti
हमारे हिन्दू धर्म में तुलसी का पौधा पूजनीय है। घर में पूजा की शुरूआत इसी से मानी जाती है। इसका हराभरा होना आपके खुशहाल जीवन का संकेत होता है। इसके विपरीत यदि घर में यदि ये पौधा मुरझाने या सूखने लगे, समझिए आपके जीवन में कुछ अशुभ होने वाला है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि काफी देखरेख के बाद भी तुलसी का पौधा सूख जाए, तो ये आपके लिए भविष्य में खतरे की घंटी हो सकता है। तुलसी का पौधा सूखना आने वाली आर्थिक संकट की ओर इशारा करता है।
घर में कलेश बढ़ना
आपने देखा होगा कभी—कभी घर में अचानक से लड़ाई झगड़े बढ़ने लगते हैं और हम समझ नहीं पाते कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है। सबकुछ ठीकठाक चल रहा होता है परंतु अचानक घर में बढ़ा कलेश मानसिक तनाव पैदा करने लगता है। पर यदि आपके साथ ही ऐसा ही कुछ हो रहा है तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। क्योंकि अचानक क्लेश बढ़ना या बेवजह छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होना ( bura samay aane ke pahle ke sanket) भविष्य में आने वाले आर्थिक संकट की ओर इशारा हो सकता है। ज्योतिषियों की मानें तो इसके पीछे वास्तु दोष और ग्रह भी बहुत हद तक कारक बनते हैं।
शीशे का टूटना
चाणक्य के अनुसार यदि घर में बार-बार शीशा टूटे तो समझ लीजिए आर्थिक तंगी आने वाली हैं ये दरिद्रता व धन हानि का संकेत देता है। इसलिए अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो चारों ओर इस बात का ध्यान रखें और ऐसी घटना से सतर्क और सचेत हो जाएं।
घर में पूजा पाठ न होना
यदि घर में पूजा—पाठ न हो रही हो, या फिर आपका पूजा में अगर घर में मन न लग रहा हो ये आपके जीवन में होने वाली सुख की कमी की ओर इंगित करता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ये संकेत आने वाले आर्थिक संकट को दर्शाता है, क्योंकि जहां पूजा-पाठ नहीं होता वहां सुख-समृद्धि नहीं होती है।
बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना
कई लोग ऐसे होते हैं जो घर के बड़े-बुजुर्गों को अपमानित करते हैं। उन्हें सम्मान नहीं देते। तो उनकी जीवन में कष्टों का आना निश्चित हैं। वो इसलिए क्योंकि जब हम बड़े-बुजुर्गों को सम्मान देते हैं, उनके पैर छूते हैं तो हमें आशीर्वाद मिलता है। यदि उनका सम्मान न किया जाए तो वे दुखी होते हैं उनकी आत्मा दुखती है। जो आपके जीवन में आर्थिक संकट को बढ़ा सकते हैं। bura samay aane ke pahle ke sanket, आचार्य_चाणक्य