Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य द्वारा रचित नीति ग्रंथ चाणक्य नीति में सूत्रात्मक शैली में जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए उपयोगी सुझाव हैं। इस शास्त्र का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है। आचार्य चाणक्य के इस नीतिपरक ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन-व्यवहार तथा आदर्श और यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है। आचार्य चाणक्य की कही हर बात आज भी उतनी ही सही है जितनी वह उस जमाने में हुआ करती थी। तो आइए जानते है इसकी कुछ अहम बातें…
Chanakya Niti उस स्थान पर एक पल भी नहीं ठहरना चाहिए जहां आपकी इज्जत न हो। जहां आप अपनी जीविका नहीं चला सकते, जहां आपका कोई दोस्त नहीं हो और जहां ज्ञान की तनिक भी बातें न हों।
किस्मत के सहारे चलना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। ऐसे लोग आलसी और लापरवाह हो जाते हैं। इसके बाद उन्हें बर्बाद होने में वक्त नहीं लगता है।
पृथ्वी सत्य पे टिकी हुई है. सूर्य का चमकना, हवा का बहना भी एक सत्य है। सत्य सभी के लिए एक समान होता है और कभी नहीं बदलता। जो व्यक्ति इस सत्य की महत्ता को समझ लेता है, उसका जीवन पार हो जाता है।
Chanakya Niti चाणक्य नीति कहती है कि आग को अपने सिर पर भी स्थान देंगे, तो भी वो सिर्फ जलाने का काम ही करेगी क्योंकि यही उसकी प्रवृत्ति है। ठीक वैसे ही दुष्ट व्यक्ति का कितना भी सम्मान कर लें, वह सदा दुख ही देगा।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जीवन में सफलता प्राप्त करने का मूल मंत्र है अनुशासन। अनुशासित व्यक्ति को समय की कीमत का अहसास होता है, साथ ही किसी काम को समय से पूरा करने की क्षमता विकसित होती है।