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Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में कलश स्थापना में दीपक घी का दीपक जलाना चाहिए या तेल का, कौन सा होता है ज्यादा शुभ

Chaitra Navratri 2025: नवरात्रि में कलश स्थापना में दीपक घी का दीपक जलाना चाहिए या तेल का, कौन सा होता है ज्यादा शुभ chaitra navtrai 2025 kalash sthapna niyam ek do bati ghee oil shubh ashubh kalash direction jyotish upay astrology hindi news pds

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Preeti Dwivedi
Chaitra Navratri 2025 kalash ki bati ek ya do kaisi honi chahiye

Chaitra Navratri 2025 kalash ki bati ek ya do kaisi honi chahiye

Chaitra Navratri 30 March 2025 Kalash ki Bati Kaise Ho:  30 मार्च से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही हैं। इस बार मां दुर्गा गज  (Maa Durga ki Sawari) पर सवार होकर आ रही हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार मां दुर्गा की सवारी देश के लिए अच्छे शुभ अशुभ दोनों संकेत दे रही है।

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अगर आप भी मां दुर्गा की पूजा के लिए घर पर कलश स्थापना (Durga Puja ke Liya Kalash Sthapna) करने जा रहे हैं तो चलिए आज हम जानते हैं, कि चैत्र नवरात्रि में वास्तु के अनुसार घर पर कलश स्थापना के नियम (kaise kare kalash Sthapna) क्या हैं। साथ ही जानेंगे कि कलश की बाती (Kalash ki Bati Kaisi honi chahiye)  कैसी होनी चाहिए.

चैत्र नवरात्रि कब से कब हैं (Chaitra Navratri 2025 Start End Date) 

ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च 2025 से हो रही है जिनकी समाप्ति 6 अप्रैल 2025 को नवमीं तिथि यानी जवारे विसर्जन के साथ हो जाएगी।

गज पर मां दुर्गा की सवारी का क्या मतलब होता है

हिन्दू धर्म में मां दुर्गा की सवारी के अलग अलग अर्थ होते हैं। चूंकि मां लक्ष्मी की सवारी गज यानी हाथी है। इस बार मां दुर्गा गज यानी हाथी पर ही सवार होकर आ रही हैं।

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ऐसे में जब मां दुर्गा की सवारी गज होता है तो इस वर्ष विभिन्न जातकों पर मां लक्ष्मी की कृपा अधिक होती है। देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।

चैत्र नवरात्रि की तिथियां (Chaitra Navratri Tithi Date) 

30 मार्च: प्रतिपदा तिथि

31 मार्च: द्वितीया तिथि

1 अप्रैल: तृतीया तिथि

2 अप्रैल: चतुर्थी और पंचमी तिथि एक साथ

3 अप्रैल: छठ तिथि

4 अप्रैल: सप्तमी तिथि

5 अप्रैल: अष्टमी तिथि, महाष्टमी, दुर्गा अष्टमी तिथि

6 अप्रैल: जवारे विसर्जन, महानवमीं तिथि

कलश स्थापना के नियम

1 -घर की पूर्व दिशा में आटे से चौक पूर कर उस पर पाटा रखें।

2- फिर इस पर लाल कपड़ा  बिछाकर मां की फोटो रखें।

3- कलश स्थापना चौकी के ठीक सामने करें।

4- जिसके लिए एक तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें हल्दी की गांठ, सुपारी, सिक्का और चावल जरूर डालें।

5 – इस पर पांच पत्ते आम के डालकर उस पर नारियल रखें।

किस दिशा में रखें दीपक (Kalash Sthapna Niyam) 

कलश स्थापना के बाद देवी जी के बायीं ओर शक्ति यानि तेल का और दाईं ओर शिव यानि घी का दीपक जलाना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार देवी जी की शक्ति वामांग होती हैं। इसलिए इस दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए।

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भूलकर भी न करें ये काम

पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार किसी भी पूजन में शुभ काम के लिए एक बाती के उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।

फूल बाती के लिए ये नियम चल सकता है, लेकिन जब लंबी वाली बाती का उपयोग (Kalash ki Bati Kaisi honi chahiye)  पूजन में करते हैं तो भूलकर भी एक बाती का उपयोग नहीं करना चाहिए।

एक बाती का उपयोग अशुभ कार्यों में होता है। शुभ कार्य हमेशा दो बाती वाले दीपक के साथ करना चाहिए।

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Chaitra Navratri 2025: मां दुर्गा की पूजा के लिए कैसा होना चाहिए हवन कुंड, गोल, चोकोर या त्रिकोण, क्या कहता है ज्योतिष

[caption id="attachment_782341" align="alignnone" width="859"]Chaitra Navratri 2025 Havan Kund Vastu Chaitra Navratri 2025 Havan Kund Vastu[/caption]

Chaitra Navratri 2025 Havan Kund Vastu Tips: 30 मार्च को चैत्र मास की प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दौरान भक्त तरह तरह से माता रानी की भ​क्ति में लीन हो जाते हैं। घरों में हवन पूजन किया जाता है।

ऐसे में यदि आप भी घर पर हवन करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि मां दुर्गा की पूजा में हवन के लिए किस आकार का हवन कुंड उपयोग करना चाहिए। पंडित रामगोविंद शास्त्री से जानते हैं हवन के नियम क्या हैं। पूरी खबर पढने के लिए यहाँ क्लिक करें...

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